02HREG119 ईश्वर की कृपा व मरीज का भाग्य साथ, तभी स्वस्थ : डॉ एके गुप्ता
-कैंसर में वृद्धि लाइफ़ स्टाइल व फास्ट फ़ूड जैसे खानपान के कारण : डॉ बी पॉल
-भारत विकास परिषद ने डॉक्टरों और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सम्मानित किया
प्रयागराज, 02 जुलाई (हि.स.)। चिकित्सा एक कठिन सेवा है और सर्जन बनना और कठिन होता है। क्योंकि मरीज की जिंदगी सर्जन के हाथ में होती है। डॉक्टर अपना कार्य ईमानदारी से करते हैं, लेकिन ईश्वर की कृपा और मरीज का भाग्य साथ होता है तभी मरीज स्वस्थ होता है।
यह बातें मुख्य अतिथि प्रीति हास्पिटल के संस्थापक डॉ ए.के गुप्ता ने भारत विकास परिषद्, प्रयाग शाखा के बैनरतले राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस और राष्ट्रीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस के अवसर पर सम्बोधित करते हुए कही। प्रयाग शाखा की अध्यक्ष डॉ अल्पना अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित और प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. बी. पॉल थलियाथ ने कहा कि प्रयागराज वे 1985 में उस समय रुके जब पूरे उत्तर भारत में कैंसर के इलाज की सुविधा नहीं थी। यहां नेपाल तक से मरीज आते थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम उम्र में शादी से सर्वाइकल कैंसर होता है, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। अधिक उम्र में शादी करने और नौकरी की व्यस्तता के कारण अब महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर बढ़ रहा है। धूम्रपान करने से पुरूषों में मुंह का कैंसर बढ़ रहा है। आजकल कैंसर में वृद्धि लाइफ स्टाइल और फास्ट फ़ूड जैसे खानपान के कारण हो रही है।
डॉ. एस.के अग्रवाल ने कहा कि प्रिवेंशन और प्रीजर्वेशन दोनों आवश्यक है। प्रीजर्वेशन पर अधिक ध्यान देकर लोग अपने को स्वस्थ रख सकते हैं। सीए अमिताभ रे ने कहा कि परिषद के समर्पण का भाव अत्यंत सराहनीय है। सीए एस.के गर्ग ने कहा कि किसी भी कार्य को ईमानदारी से करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। प्रसिद्ध चिकित्सकों में डॉ. बी. पॉल थलियाथ और डॉ. एस.के अग्रवाल तथा प्रसिद्ध चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सी.ए अमिताभ रे और सी.ए एस.के गर्ग को सम्मानित किया गया।
डॉ दीपक अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, श्रुति अग्रवाल, गीता केसरवानी और रूबी वर्मा ने अतिथियों का परिचय दिया। इस अवसर पर सीए मकरंद नागर, सीए शिवम अग्रवाल, सीए डॉ नवीनचंद्र अग्रवाल, सीए श्रुति अग्रवाल, डॉ दीपक अग्रवाल और डॉ मंजू अग्रवाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक भदौरिया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ उमेश प्रताप सिंह ने किया।