अनूपपुर: शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर तालाब की मेढ़ पर बना दिए पीएम आवास

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अनूपपुर, 2 जून (हि.स.)। एक तरफ जिले में शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभियान चल रहा है, वहीं जिला मुख्यालय से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मेडियारास के वार्ड क्रमांक 6 और 7 के बीच वर्षों पुराने तालाब की मेढ़ पर ही प्रधानमंत्री आवास न सिर्फ स्वीकृत किया गया बल्कि आवास का कार्य भी पूरा करा दिया गया। एक दर्जन से ज्यादा घर तालाब की मेढ़ पर बने हुए हैं जिसकी वजह से लोगों को इस तालाब तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

दशकों पुराना तालाब

मेडियारास गांव के बीचों बीच स्थित यह तालाब कितना पुराना है इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव का सबसे पुराना तालाब है और इसी वजह से इसका नाम पुरानिहा तालाब पड़ा है। पूर्व में इस तालाब का उपयोग गांव के सभी ग्रामीण करते थे, वर्ष भर इस तालाब में पानी रहने की वजह से पशु भी इस तालाब में अपनी प्यास बुझाने के लिए आते थी किंतु वर्तमान में चारों ओर बने आवास की वजह से इन पशुओं को हांक दिया जाता है। जिसकी वजह से ग्रीष्म ऋतु में पशुओं को पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पारिवारिक आयोजनों में इस तालाब का उपयोग पूजा के लिए भी किया जाता था किंतु पानी में गंदगी मिलाए जाने की वजह से इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।

तालाब के मेढ़ पर दिनोंदिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, वर्तमान में एक दर्जन से ज्यादा भवन निर्मित हो चुके हैं जिनमें से आधा दर्जन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित कराए गए भवन है। जिनमें बलराम कोल, भुवनेश्वर कोल, संतोष कोल, मुन्नालाल कोल, रमेश कोल सहित अन्य हितग्राही शामिल है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व सचिव एवं उपयंत्री के द्वारा रुपयों का लेन देन करते हुए शासकीय एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करा दिया गया है।

दूषित हो रहा तालाब

लगातार अतिक्रमण की वजह से न सिर्फ तालाब का रकबा घट रहा है बल्कि मेढ़ पर निर्मित इन आवासों में रहने वाले परिवारों के द्वारा विस्तार के पानी के साथ शौचालय का पानी भी तालाब में ही प्रवाहित किया जा रहा है। पानी के गंदे होने की वजह से आदिवासी बस्ती के लोग भी अब इस तालाब का उपयोग नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि रुपए लेकर तालाब की मेढ पर अतिक्रमण कराया जा रहा है। कुछ परिवारों के द्वारा अपने घरों में देशी शराब का निर्माण भी किया जाता है, शराब निर्माण के पश्चात शेष सामग्री को तालाब में ही बहा दिया जाता है।

कलेक्टर सोनिया मीना का कहना है कि पूरे मामले के संबंध में सीईओ जिला पंचायत को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।