सरस जनवाद टूरिज्म डेस्क। आमतौर पर आपको यही पता होगा कि अगर आप भारत से बहार किसी दुसरे देश की यात्रा पर जाएंगे तो आपको वीज़ा की ज़रूरत पड़ेगी। ज़रा ठहरिये जनाब। आप गलत हैं। जी हाँ! हमारे अपने देश भारत में ही आप इन 6 जगहों पर बिना वीज़ा के नहीं घूम सकते हैं। तो अगर आप इनमे से किसी भी जगह पर छुट्टियां बिताने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद काम की हो सकती है।
ये तो आप जानते ही होंगे कि 27 सितंबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड टूरिज्म डे मनाया जाता है, तो आज इस खास मौके पर हम आपको ऐसी जगहों से रूबरू करवाएंगे जहां आप बिना वीज़ा ट्रेवल नहीं कर सकते हैं।अपने ही देश में कुछ जगहों पर बिना इनर लाइन परमिट के आप नहीं जा सकते हैं।
अरुणाचल प्रदेश
पहाड़ों की भूमि अरुणाचल प्रदेश भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य है। ये पश्चिम में भूटान, पूर्व में म्यांमार और उत्तर में चीन के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है। देश के दूसरे राज्यों से यहां आने वालों के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। ये परिमट यहां के रेजिडेंट कमिश्नर से लेना होता है। परमिट कोलकाता, नई दिल्ली, शिलॉन्ग और गुवाहाटी से लिया जा सकता है। आप ऑनलाइन परमिट भी ले सकते हैं। इसके लिए पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या वोटर आईडी और पासपोर्ट साइज फोटो की ज़रूरत पड़ती है।
मिजोरम
मिजोरम अपने खूबसूरत नजारों और सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। यहां कई सारी जनजातियां रहती हैं। ये राज्य बांग्लादेश और म्यांमार के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करते हैं। मिजोरम में प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है। ये परमिट मिजोरम सरकार के संपर्क अधिकारी देते हैं। इसे कोलकाता, सिलचर, शिलांग, गुवाहाटी और नई दिल्ली से प्राप्त किया जा सकता है। फ्लाइट से आने वाले टूरिस्ट को लेंगपुई एयरपोर्ट और आइजॉल पहुंचने पर सुरक्षा अधिकारी से ‘पास’ लेना पड़ता है। इसके लिए चार पासपोर्ट साइज की फोटो और एक फोटो आईडी की ज़रूरत पड़ती है।
नागालैंड
यहां की खूबसूरती में आकर लोग खो जाते हैं. यहां के लोग अपने-अपने 16 रीति-रिवाजों, भाषा और पहनावे के साथ रहते हैं. नागालैंड ईस्ट में म्यांमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है. स्थानीय पर्यटकों को नागालैंड घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है. ये दीमापुर, कोहिमा, मोकोकचुंग, नई दिल्ली, कोलकाता और शिलॉन्ग के डिप्टी कमिश्नर से प्राप्त किया जा सकता है. आप ऑनलाइन परमिट भी ले सकते हैं. ऐसा करने हेतु आपको पैन कार्ड/आधार कार्ड/वोटर आईडी और पासपोर्ट साइज फोटो की ज़रूरत पड़ेगी।
लद्दाख
घूमने के लिहाज से लद्दाख क्षेत्र संवेदनशील माना जाता है क्योंकि इसकी सीमाएं पाकिस्तान और चीन दोनों से जुड़ी हैं। लद्दाख के सभी हिस्सों में नागरिकों को जाने की इजाजत नहीं है। प्रतिबंधित स्थानों जैसे दाह, हनु विलेज, पैंगॉन्ग त्सो, मैन, मरक, त्सो मोरीरी, न्योमा, लोमा बेंड, खारदुंग ला, नुब्रा वैली, टर्टुक, तयाक्शी, डिगर ला, तंग्यार में जाने के लिए एक आपको इनर लाइन परमिट लेना पड़ेगा। ये परमिट लेह शहर के डीसी कार्यालय से लिया जा सकता है। इसे सुबह 9 से शाम 7 बजे के बीच ले सकते हैं लेकिन आवेदन फॉर्म दोपहर 3 बजे से पहले जमा करा दें। परमिट लेने के लिए आपके पास नेशनलिटी प्रूफ की सभी फोटो कॉपीज सेल्फ अटेस्टेड, फोटो आईडी, परमिट की मंजूरी के लिए लेह-लद्दाख जिले के डीसी को लिखा आवेदन पत्र।होना ज़रूरी है।
सिक्किम
सिक्किम की अंतरराष्ट्रीय सीमा तीन देशों के साथ लगती है। उत्तर और पूर्व में चीन, ईस्ट में भूटान और पश्चिम में नेपाल के साथ। सिक्किम में कुछ जगहों पर प्रवेश प्रतिबंधित हैं और एक भारतीय नागरिक को लाचुंग, त्सोमगो झील, नाथुल्ला, दोजोंग्री और गोइचला ट्रेक, युमथांग, युमसंगडोंग, थांगू / चोपता घाटी, गुरुडोंगमार झील जैसे संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक इनर लाइन परमिट लेना पड़ेगा। नाथूला और गुरुडोंगमार झील के लिए परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। इसे बागडोगरा एयरपोर्ट और रंगपो चेक पोस्ट से ले सकते हैं। ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर भी इस परमिट की व्यवस्था करते हैं। यहां परमिट लेने हेतु आपके पास फोटो आईडी प्रूफ जैसे पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का होना ज़रूरी है।
लक्षद्वीप
लक्षद्वीप को पहले लक्कादीवस के नाम से जाना जाता था। ये छोटे-छोटे द्वीपों का एक समूह है, जो खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस बन गया है। खासतौर पर ये जगह उन लोगों को काफी अच्छी लगती है जो प्रकृति को पसंद करते हैं और जिन्हें शांति और एकांत पसंद है। लक्षद्वीप जाने वाले सभी यात्रियों को प्रवेश करने के लिए परमिट की जरूरत होती है। इसे फ्री में ऑनलाइन भी लिया जा सकता है। परमिट लेने हेतु आपको वोटर आईडी और पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड की ज़रूरत पड़ेगी।