यूपी गेट पर किसानों का आंदोलन हुआ तेज, ग्यारह किसान क्रमिक अनशन पर बैठे

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-किसान दिवस पर प्रत्येक भारतवासी एक समय के भोजन का त्याग करें : तेजेंद्र सिंह विर्क
-प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का थाली व ताली बजाकर विरोध करेंगे किसान

गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा किसान आंदोलन सोमवार से तेज हो गया है। किसानों ने अहिंसक रूप से ऐसे तरीकों को अपनाने का निर्णय किया है जिससे केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर हो जाए।
सोमवार को यूपी गेट पर ग्यारह किसान क्रमिक अनशन पर बैठ गए। क्रमिक अनशन पर बैठे किसान 24 घंटे तक अन्न व जल ग्रहण नहीं करेंगे। इसी तरह से मंगलवार को दूसरे ग्यारह क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर 23 दिसंबर को होने वाले किसान दिवस पर आंदोलनकारी किसानों ने जनता से एक समय का भोजन त्यागने का आह्वान किया है। एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत किसानों ने अंबानी व अडानी की कंपनियों के बने उत्पाद का बहिष्कार करने का सिलसिला तेज कर दिया है। इतना ही नहीं किसानों ने एक कमेटी गठित की है जो मुम्बई में अंबानी व अडानी से संपर्क कर किसानों का समर्थन देने की बात करेगी। किसान दोनों उद्योगपतियों से कहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं,ऐसे में यदि वह किसानों का समर्थन करते है तो उनके उत्पादों का बहिष्कार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा 25 व 26 दिसंबर को हरियाणा में आंदोलनकारी किसान टोल टैक्स की वसूली नहीं करने देंगे।
तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह विर्क ने क्रमिक अनशन पर बैठे किसानों का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। उसमें संशोधन करने की कोई सवाल नहीं उठता। तेजेंद्र सिंह विर्क ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक बार भोजन खराब बन जाता है तो उसे फैंकना ही उचित होता है। उसमें फिर किसी तरह के सुधार की गुंजाइश नहीं होती। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूर कर देंगे कि उन्हें नए कृषि कानून वापस लेने पड़ेगे। 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री के मन की बात का विरोध करने के लिए किसान थाली और ताली बजाएंगे। पंजाब के किसान नेता वीएम.सिंह ने मुकेश अंबानी के आवास व दफ्तरों का भी घेराव करने की चेतावनी दी। किसान नेता भीम सिंह ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि आंदोलन स्थल पर आ रहे किसानों की टैÑक्टर ट्राली को न रोका जाए।

मीडिया से नहीं उलझे किसान : राजवीर सिंह जादौन
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने किसान नेताओं से अपील करते हुए कहा कि मीडियाकर्मियों से न उलझे। उन्होंने कहा कि एक दो चैनल यदि किसानों की सच्चाई नहीं दिखाना चाहते है तो उससे कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। राजवीर सिंह जादौन के कहा कि अब आम जनता सब कुछ जानता है,हर चैनल की रेटिंग व सरकार से संबंधों को बताने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से भी किसानों की वास्तविक समस्याओं को दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम जानते है कि मीडिया मालिकों की सख्ती की वजह से किसान आंदोलन को उसी के चश्में से देखते हो। इस दौरान जिस मीडिया चैनल के बारे में शिकायत थी उनको वापस भेज दिया गया।

ठंड से बचाव के लिए बेहतर झोपड़ी रही आकर्षण का केंद्र
पंजाब से आए किसानों ने कड़कड़ाती ठंड में बचाव के लिए जानदार झोपड़ी का निर्माण आंदोलन स्थल पर किया है। सोमवार को ये झोपड़ी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। पैराशूट के कपड़े से बनी झोपड़ी में पानी व हवा का कोई असर नहीं होता। एक झोपड़ी में चार किसान आराम से सो सकते है,जिसमें ठंड व पानी नहीं पहुंच सकता है। फिलहाल डेढ़ दर्जन झोपड़ी सोमवार को लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही।

नुक्कड़ नाटक में दिखाई नए कृषि कानूनों की सच्चाई
सोमवार को यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन में नुक्कड़ नाटक ने सब का मन मोह लिया और लोगों ने इसे खूब पसंद किया। नुक्कड़ नाटक में नए कृषि कानूनों के वास्तविक प्रभाव को दर्शाया गया। यदि नए कृषि कानून लागू हुए तो किसान की किसान बदहाल हो जाएंगे। बल्कि ब्रिटिश सरकार की तरह किसान अंग्रेजों के बजाए उद्योगपतियों के गुलाम होंगे। पंजाब के रंगकर्मियों ने जिस तरह से नाटक का रूपांतर किया वह देखने वाला था।

किसान आंदोलन स्थल पर लगाया रक्तदान शिविर
भारतीय किसान समिति ने सोमवार को धरना स्थल पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया। शिविर में अनेक किसानों ने रक्तदान किया। भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि ये रक्त दूसरे स्थानों पर हो रहे किसान आंदोलन में जरूरत पड़ने पर दूसरे लोगों के लिए उपयोग किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। किसान भी मानते है कि बातचीत से ही मसले का समाधान निकलेगा,लेकिन बातचीत की पहल सरकार की और से होनी चाहिए।