डॉ. गहतोड़ी ने बताया कि यह सेमिनार “21वीं सदी में स्कूली शिक्षा का रूपांतरण, एनईपी 2020 के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर केंद्रित था। इसमें एनसीईआरटी नई दिल्ली, एससीईआरटी एवं सीमेट उत्तराखंड, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी और केशवानंद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बीकानेर (राजस्थान) सहित देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षण एवं शोध संस्थानों के विशेषज्ञों ने भाग लिया था। उन्होंने अपने विचार और शोध प्रस्तुत किए थे।
सेमिनार के लिए देश के विभिन्न राज्यों से कुल 130 शोध पत्र प्राप्त हुए थे। इनमें से गुणवत्ता, उपयोगिता और शैक्षणिक आवश्यकताओं के आधार पर शीर्ष 30 शोध पत्रों का चयन किया जा रहा है। इन चयनित शोध पत्रों को डाइट लोहाघाट द्वारा प्रकाशित आईएसबीएन शोध पुस्तिका ‘शोधांजलि’ के वार्षिक अंक में स्थान मिलेगा।
इससे पहले, वर्ष 2022-23 में “शिक्षक-शिक्षा के बदलते परिदृश्य” पर आधारित शोध पत्रों का संकलन ‘शोधांजलि भाग-1’ सफलतापूर्वक प्रकाशित किया जा चुका है। शिक्षा जगत में इस पहल की काफी सराहना की गई थी।
उत्तराखंड राज्य की अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय की निदेशक वंदना गर्बयाल ने डाइट लोहाघाट के शोध प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में किया जा रहा कार्य प्रेरणादायक है।