- शीघ्रता से टेस्टिंग परिणाम प्राप्त करने को सरकार ने प्राथमिकता पर ट्रूनैट मशीनें कराईं उपलब्ध
लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 15 जून तक ट्रूनैट मशीनों को कार्यशील करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में शीघ्रता से टेस्टिंग परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता पर ट्रूनैट मशीनें उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए सतत प्रयास किए जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री चिकित्सा संस्थानों तथा स्वास्थ्य मंत्री जिला चिकित्सालयों से नियमित संवाद रखते हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना से संक्रमित मरीजों के साथ ही, इमरजेंसी मरीजों को अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं का पूरा लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को नियंत्रित किए जाने पर बल देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाते हुए उनका समुचित उपचार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पतालों में अपनी शिफ्ट के दौरान डाॅक्टर कम से कम दो बार राउण्ड लें। पैरामेडिकल स्टाफ निरन्तर मरीजों की माॅनिटरिंग करें। उन्होंने अस्पतालों की साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने, रोगियों को समय से दवा, शुद्ध एवं सुपाच्य भोजन तथा पीने के लिए गुनगुना पानी उपलबध कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कामगारों, श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में निरन्तर कार्यवाही की जाए। इनके लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की सभी सम्भावनाओं को तलाशा जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को यह अवगत कराया गया कि आगामी 06 माह की अवधि में 10 लाख नई नौकरी, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने मण्डी को एक्सपोर्ट हब के तौर पर विकसित किए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी उपाय किए जाएं। पुलिस द्वारा नियमित पेट्रोलिंग पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जागरूक करने की व्यवस्था को जारी रखा जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले कर्मी कार्यस्थल पर न जाएं।