पंजाब में इस समय अधिकतम तापमान में औसतन 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन मौसम विभाग इसे सामान्य श्रेणी में ही रखता है। इस महीने गुरदासपुर ने 33.5 डिग्री सेल्सियस का सबसे ऊँचा तापमान रिकॉर्ड किया है, जो कि राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में लगातार वृद्धि होने की संभावना है। अनुमान है कि 2 अप्रैल तक दिन का अधिकतम तापमान 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जिससे यह सामान्य स्तर से ऊपर चले जाएगा। इस स्थिति से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
राज्य में फिलहाल बारिश की कोई प्रबल संभावना नहीं दिखती, जिससे गर्मी और बढ़ सकती है। आने वाले दिनों में सूर्य की किरणें अधिक तेज होंगी, जिसके चलते दोपहर के समय चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक कोई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होता दिखाई दे रहा है, जो कि उच्च तापमान के बढ़ने का एक कारण हो सकता है।
गर्मी के बढ़ते प्रभाव के बीच जल संकट की चिंता भी सामने आ रही है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के प्रमुख जलाशयों में जलस्तर सामान्य से काफी कम हो गया है। ये जलाशय सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन जलाशयों की संयुक्त जलविद्युत उत्पादन क्षमता 3,175 मेगावॉट (MW) है और ये 10.24 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता को सपोर्ट करते हैं। लेकिन जलस्तर में कमी आने के कारण कृषि और बिजली उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे किसानों को समस्या हो सकती है।
पंजाब के विभिन्न शहरों में भी मौसम की स्थिति कुछ इस प्रकार है। अमृतसर में आसमान साफ रहेगा और तापमान 13 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच हो सकता है। वहीं, जालंधर में भी आसमान साफ रहेगा और तापमान 12 से 28 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। लुधियाना में भी तापमान बढ़ता हुआ नजर आ रहा है, जिसमें 16 से 32 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। पटियाला में तापमान 15 से 31 डिग्री तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि मोहाली में यह 19 से 30 डिग्री के बीच रह सकता है।
इन सभी मौसम परिवर्तनों से यह स्पष्ट है कि न केवल गर्मी बढ़ रही है बल्कि जल संकट भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। नागरिकों को इस बदलाव के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि वे संभावित समस्याओं का सामना कर सकें। ऐसे में मौसम के प्रति जागरूक रहना और जल का सही उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है।