मेरठ: गर्लफ्रेंड ने पति की हत्या कर बॉयफ्रेंड के घर ले गई सिर! उच्च नाटक!

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**मेरठ में मर्चेंट नेवी अफसर की हत्या: आतंकित करने वाली कहानी**

स्थान: इंद्रानगर, मेरठ
तारीख: 3 मार्च, रात 11:30 बजे

एक दिल दहला देने वाला मामला मेरठ से सामने आया है, जिसमें मर्चेंट नेवी के अफसर सौरभ राजपूत की हत्या का आरोप उसकी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल पर है। घटनाक्रम की शुरुआत 3 मार्च की रात से होती है, जब मुस्कान ने साहिल को फोन करके बताया कि सौरभ सो चुका है। यह जानने के बाद दोनों ने नशे की हालत में सौरभ की हत्या करने की योजना बनाई। हाथों और सिर के शरीर के टुकड़ों को काटकर, उन्होंने उन्हें 800 मीटर तक घुमाया। जब उन्हें ठिकाना नहीं मिला, तो वे टुकड़ों को साहिल के घर ले गए और वहीं सो गए।

**शादी के बाद हनीमून की योजना**

रविवार 4 मार्च को, मुस्कान और साहिल ने सौरभ के शरीर के टुकड़ों को वापस लाया। इसके बाद उन्होंने ड्रम और सीमेंट खरीदकर सभी टुकड़ों को एक ही स्थान पर इकट्ठा किया। मन में हनीमून की योजना थी, और दोनों शिमला जाकर विवाह करने का सोचने लगे। लेकिन यह कहानी यहाँ खत्म नहीं होती; 13 दिन बाद, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

**हत्या की डरावनी प्रक्रिया**

सौरभ की हत्या की प्रक्रिया की बात करें तो यह बेहद भयावह रही। मुस्कान ने पहले सौरभ के खाने में नींद की दवा मिलाई, जिससे वह बेहोश हो गया। रात करीब 11:30 बजे, साहिल सौरभ के घर आया और एक चाकू लेकर मुस्कान से कहा कि उसे ही हत्या पूरी करनी होगी। इसके बाद, सहायक की मदद से, मुंह पर चाकू घुसेड़कर, उन्होंने सौरभ की जान ले ली। फिर हाथ और सिर काटकर टुकड़े किए गए। यह सब कुछ इतनी निरंतरता से हुआ कि कोई उन्हें रोक नहीं सका।

**पुलिस पूछताछ में खुलासा**

पुलिस की पूछताछ में अपने अपराध को स्वीकार करते हुए मुस्कान ने कहा कि उसके और साहिल के बीच का लव अफेयर सौरभ को पता चल चुका था, जिससे सौरभ की मानसिक स्थिति खराब थी। मुस्कान के माता-पिता भी इस मामले में सामने आए और कहा कि उन्हें सौरभ से बेहद सहानुभूति है। मुस्कान की मां ने कहा कि उनकी बेटी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

**सौरभ का परिवार और दर्द**

सौरभ के परिवार ने कहा है कि उनकी मौत ने उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया है। वे न्याय की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने न सिर्फ सौरभ के परिवार को दुखी किया है, बल्कि समाज में इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है।

यह मामला न केवल पहले से बनी धारणाओं को चुनौती देता है, बल्कि यह भी बताता है कि इंसानियत किस प्रकार की पराकाष्ठा में गिर सकती है। अब यह देखना है कि न्यायपालिका इस भयावह अपराध के पीछे खड़े लोगों को सजा दिलाने में कैसे कार्रवाई करती है।