जीएनडीयू शूटिंग रेंज में आई हाई-टेक मशीनों की धूम, जानें खासियत

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**भास्कर न्यूज |** अमृतसर में स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की शूटिंग रेंज में 25 और 50 मीटर की दूरी के लिए 5-5 मशीनें स्थापित की जाने वाली हैं। इन मशीनों को सोयूस कंपनी द्वारा फिट किया जाएगा, जो ओलंपिक प्रतियोगिताओं में भी शूटिंग उपकरण प्रदान करती है। खबरों के अनुसार, ये 10 कंप्यूटराइज मशीनें 16 फरवरी के बाद इंस्टॉल की जाएंगी। वर्तमान में विश्वविद्यालय के पास 10 मीटर दूरी वाली 5 मशीनें संचालित हैं, जिन पर युवा शूटर प्रैक्टिस कर रहे हैं।

डायरेक्टर स्पोर्ट्स, कंवर मनदीप सिंह ढिल्लों ने जानकारी दी कि 10 मीटर वाली मशीनों का संचालन अभी चल रहा है, जबकि 25 से 50 मीटर रेंज वाली मशीनों की स्थापना की प्रक्रिया बाकी है। उन्होंने बताया कि ये मशीनें मेनुअल शूटिंग रेंज की नहीं हैं, बल्कि ये विशेष रूप से कंप्यूटराइज्ड हैं। इस प्रकार की मशीनों पर अनट्रेंड या शुरुआत करने वाले बच्चों का प्रैक्टिस करना सुरक्षित नहीं होगा, क्योंकि यदि कोई प्रशिक्षित शूटर नहीं होता है तो मशीन खराब हो सकती है। इसलिए, सिर्फ वही बच्चे जो प्री-नेशनल क्वालीफाई कर चुके हैं, को इन मशीनों पर शूटिंग करने की अनुमति दी जाएगी।

ये सभी मशीनें जीएनडीयू के नियम और विनियमों के अनुसार संचालित होती हैं और इन्हें अच्छी गुणवत्ता और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। एक मशीन की लागत लगभग 22 लाख रुपये होती है, और यह रूसा ग्रांट के अंतर्गत स्थापित की जा रही हैं, जिसमें जीएनडीयू का भी योगदान शामिल है। यह महत्वपूर्ण है कि यह मशीनें साधारण मेनुअल फिटिंग की प्रक्रिया से स्थापित नहीं की जा सकती हैं, इसलिए इन्हें कंपनी द्वारा नेशनल खेलों के बाद ही स्थापित किया जाएगा।

गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में स्थापित होने वाली ये नई मशीनें न केवल उच्च तकनीकी सुविधाएं प्रदान करेंगी, बल्कि भारतीय युवा शूटरों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग के अवसर भी प्रदान करेंगी। जब ये मशीनें प्रारंभ होंगी, तो विश्वविद्यालय का शूटिंग विभाग और अधिक प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ सकेगा। यह विकास विशेष तौर पर शूटिंग खेलों में अपने कौशल का विकास करने और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की प्रेरणा देगा।

अन्य खेलों के साथ-साथ शूटिंग में भी बुनियादी ढांचे के विकास का महत्व है, और इस प्रकार की मशीनों की उपलब्धता से आने वाले समय में युवा शूटरों को बेहतर प्रशिक्षण और प्रदर्शन का मौका मिलेगा।