कलाकार काे बहुआयामी बनाती है नौटंकी

Share

कलाकार काे बहुआयामी बनाती है नौटंकी

-विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान की नाट्य कार्यशाला का समापन

प्रयागराज, 06 जुलाई (हि.स.)। विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान, प्रयागराज द्वारा आयोजित सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन नाट्य कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ। इस अवसर पर भारतेंदु नाट्य अकादमी के पूर्व छात्र एवं वरिष्ठ रंगकर्मी शिव गुप्ता तथा रंगमंचीय प्रकाश संयोजन विशेषज्ञ सुजॉय घोषाल ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए।

श्री गुप्ता ने कार्यशालाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर युवा रंगकर्मियों को भविष्य में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालयों जैसे संस्थानों में प्रवेश हेतु सशक्त आधार प्रदान करते हैं।

कार्यशाला का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. मुकेश उपाध्याय द्वारा किया गया। इस दौरान प्रतिभागियों को रंगमंच के विविध आयामों, अभिनय की तकनीकों, शारीरिक व्यायामों एवं रंगमंचीय खेलों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

संस्थान के अध्यक्ष अभिलाष नारायण एवं उपाध्यक्ष अजय मुखर्जी ने भी नौटंकी की कुछ झलकियों का सजीव प्रस्तुतीकरण करते हुए युवाओं को इस लोक विधा में प्रशिक्षण लेकर इसके संवर्धन हेतु प्रेरित किया।

कार्यशाला के अंतिम दो दिवस उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोकनाट्य परम्परा “नौटंकी“ को समर्पित रहे। प्रतिभागियों को नौटंकी की गायकी, लय, धुन एवं अभिनय शैली से परिचित कराने हेतु संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लोकनाट्य विशेषज्ञ उदय चंद परदेसी को आमंत्रित किया गया। जिन्होंने नौटंकी में संगीत की केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला। कहा कि नौटंकी एक ऐसी सम्पूर्ण विधा है जिसमें संगीत, नृत्य एवं अभिनय का समावेश होता है, जो कलाकार को बहुआयामी बनाती है।

संस्था के सचिव आलोक रस्तोगी ने कार्यशाला के निदेशक डॉ. मुकेश उपाध्याय, अतिथि कलाकार उदय चंद परदेसी, शिव गुप्ता तथा सुजॉय घोषाल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सभी 32 प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।