बंदरों के आतंक से चारदीवारी के लोग ही नहीं निगम मुख्यालय कर्मचारी भी परेशान

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बंदरों के आतंक से चारदीवारी के लोग ही नहीं निगम मुख्यालय कर्मचारी भी परेशान

जयपुर, 17 मई (हि.स.)। राजधानी में बढ़ते बंदरों के आंतक को रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन पिछले दो महीने से बंदरों को पकड़ने का टेंडर तक नहीं हुआ है। इसकी वजह से आम जनता परेशान है। वहीं, परकोटे की प्रमुख कॉलोनियों के साथ ही बंदरों ने नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर भी कब्जा कर लिया है। बड़ी संख्या में बंदर नगर निगम मुख्यालय में भी नजर आने लगे हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब नगर निगम के पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष की सुनवाई तक नहीं हो रही है।

दरअसल, परकोटे की कॉलोनियों में बंदर घरों में घुसकर लोगों पर हमला करने लगे हैं। बीते एक महीने में इस तरह के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए हैं। लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा बंदर पकड़ने को लेकर टेंडर तक नहीं किया गया है। जो अब आम जनता की जान को ही जोखिम में डाल रहा है। हालत इतने बिगड़ गए है कि उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी निभाने वाले नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय में ही बड़ी संख्या में बंदरों की आवाजाही रहती है। इससे निगम में काम करने वाले कर्मचारियों को भी अब डर लगने लगा है।

चारदीवारी में रहने वाले लोगों का कहना है कि घर में भी अब डर कर रहना पड़ रहा है। क्योंकि छत पर से बंदर कभी भी घर में घुस हमला कर देते हैं। बंदर घर में घुसकर कई बार काट चुके हैं। नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों तक भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब तो अपने घरों में ही डर कर रहना पड़ रहा है।

नगर निगम के पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुरेश नावरिया ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी लापरवाह हो चुके हैं। शहर में बढ़ते बंदरों और श्वान को पकड़ने के लिए मैं कई बार अधिकारियों को बता चुका हूं। यहां तक कि मैं डिप्टी कमिश्नर को लिखित में भी इस मामले की जानकारी दी है। लेकिन कहीं कोई सुनवाई तक नहीं हो रही है। 2 महीने से टेंडर तक नहीं हुआ है। पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति की डिप्टी कमिश्नर सीमा शर्मा तो मेरा फोन तक नहीं उठाती हैं। कभी जनता की समस्या को लेकर उनसे मिलने जाता हूं। बस यही कहती है मैं बहुत बिजी हूं। मैं आपके अंडर में काम नहीं करना चाहती हूं। इसको लेकर मैने नगर निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में भी शिकायत की थी। लेकिन अभी तक कही कोई सुनवाई नहीं हुई है।

हेरिटेज नगर निगम के डॉक्टर योगेश शर्मा ने बताया कि मार्च में ही शहर से बंदर पकड़ने का टेंडर खत्म हुआ है। तब बंदर पकड़ने का टेंडर भी किया गया था, लेकिन जो फर्म आई थी। वह तकनीकी रूप से सक्षम नहीं थी। इसके बाद फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्द ही बंदर पकड़ने का टेंडर कर लिया जाएगा। इसके बाद शहर में बढ़ते बंदरों को पकड़ सवाई माधोपुर और रणथंभौर के जंगलों में छोड़ा जाएगा।

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