हाल ही में अमेरिका से भारत भेजे गए 104 नागरिकों में से 31 लोग पंजाब के रहने वाले थे। इन घटनाओं के मद्देनजर पंजाब में सख्त कार्रवाई शुरू की गई है। पहला मामला अमृतसर के राजासांसी थाना में दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता दिलेर सिंह ने जो अमेरिका से डिपोर्ट कर दिए गए थे, उनके द्वारा कोटली खेहरा गांव के एजेंट सतनाम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। दिलेर सिंह का आरोप है कि उन्हें अवैध तरीके से अमेरिका भेजने का प्रयास किया गया था।
दिलेर सिंह ने बताया कि उनका यह खतरनाक सफर 15 अगस्त 2024 से शुरू हुआ। एक एजेंट ने उन्हें भरोसा दिया था कि वह उन्हें आसानी से अमेरिका पहुंचा देगा, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही थी। सबसे पहले उन्हें दुबई ले जाया गया, फिर ब्राजील भेजा गया, जहां उन्हें दो महीने तक रोके रखा गया। उस दौरान एजेंटों ने वीजा का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में कहा गया कि वीजा संभव नहीं है और अब “डंकी रूट” अपनाना होगा। इस स्थिति में उन्हें पनामा के जंगलों से होकर अमेरिका जाने की सलाह दी गई।
दिलेर सिंह ने पनामा के जंगलों को धरती के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक बताया। 120 किलोमीटर का यह सफर पार करने में उनके समूह को करीब साढ़े तीन दिन लगे। उन्हें अपना भोजन और पानी स्वयं लेकर चलना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनके साथ 8-10 लोग थे, जिनमें महिलाएं और नेपाल के नागरिक भी शामिल थे। एक गाइड इस खतरनाक यात्रा में उनके साथ था, लेकिन हर कदम पर जान का खतरा बना रहता था।
जब वे पनामा के जंगलों को पार करके मैक्सिको पहुंचे, तब उन्होंने अमेरिकी सीमा के तेजवाना बॉर्डर की ओर कदम बढ़ाया। लेकिन इसी दौरान, अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान दिलेर सिंह ने स्पष्ट किया कि उनका सारा सपना चूर-चूर हो गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस पूरे सफर में लाखों रुपये खर्च किए, जहां ज्यादातर रकम एजेंटों ने धोखे से लेकर ली।
दिलेर के अनुसार, उन्हें दो एजेंटों ने ठगा – एक दुबई का और दूसरा भारत का। उन्होंने कहा कि शुरुआत में सब कुछ सही तरीके से होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन परिणाम स्वरूप उन्हें खतरनाक और अविश्वसनीय रास्तों पर प्रयोग का शिकार होना पड़ा। अब प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में कोई और नागरिक इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो।