गवर्नर गुलाब चंद कटारिया का जालंधर दौरा: नशामुक्त अभियान और ‘जंग-ए-आजादी’ मार्च की चर्चा!

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पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए नशा मुक्त रंगला पंजाब अभियान का उद्देश्य राज्य में नशे से जुड़ी समस्याओं को समाप्त करना है। इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज जालंधर पहुंचे। यहाँ उन्होंने ब्यास पिंड से करतारपुर तक एक पैदल मार्च का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह कार्यक्रम दर्शाता है कि समाज के सभी वर्गों ने नशे के खिलाफ आवाज उठाने का ठान लिया है। इस अवसर पर कई बुजुर्ग नागरिक भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने अनुभवों के साथ इस आंदोलन का समर्थन किया।

गुलाब चंद कटारिया ने अभियान का आगाज़ चार दिन पहले अमृतसर में किया था। इस अवसर पर उन्होंने नशा मुक्ति में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं अधिकांश घरों की रीढ़ होती हैं और नशा मुक्ति अभियान में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि महिलाओं ने नशे की आदतों से जुड़ी 80 प्रतिशत समस्याओं को हल करने में सहायता की है। इस अभियान का एक विशेष कार्यक्रम ‘नशे के खिलाफ जन पदयात्रा’ भी है, जिसे रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित किया गया है।

महान धावक सरदार फौजा सिंह ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि नशे को जड़ से समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने एक कड़क बयान में कहा कि यदि सरकार चाहें तो नशे की समस्या को एक दिन में खत्म किया जा सकता है। उनका मानना था कि नशा कहीं से अचानक नहीं आता, बल्कि यह सामाजिक और मानसिक समस्याओं का परिणाम है। फौजा सिंह ने ब्यास गांव स्थित अपने घर से इस पदयात्रा की शुरुआत की, जो आज शाम जालंधर जिले के बाथे गांव में समाप्त होगी।

पदयात्रा के अगले चरण में 11 दिसंबर को प्रतिभागी बाथे से करतारपुर के जंग-ए-आजादी स्मारक तक जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नशे के खिलाफ एकता और जागरूकता फैलाना है। सरकार और समाज, दोनों को मिलकर नशे की इस समस्या से लड़ना होगा। यह अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर काम करने का अवसर देता है। समाज में नशे के प्रभावों को कम करना तथा एक स्वस्थ वातावरण बनाना ही इस अभियान की असली पहचान है।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का यह प्रयास पंजाब को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा और नशे की लत से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ऐसे अभियानों से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग नशे के खिलाफ खड़े होंगे। पंजाब में नशे की बढ़ती हुए तकलीफों को खत्म करने के लिए यह मुहिम निसंदेह एक सकारात्मक पहल है।