लुधियाना में बुड्ढे नाला की सफाई और प्रदूषण के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में ताज़ा घटनाक्रम सामने आया है। समाजसेवी लक्खा सिधाना के नेतृत्व में हजारों लोग इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। मंगलवार को हुई दूसरी दौर की वार्ता भी अनसुलझी रही। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को 15 मिनट का समय दिया है। उनका कहना है कि अगर इस अवधि में उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे और अधिक कठोर कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
इस बीच, जब प्रदर्शनकारी बुड्ढा नाला की ओर बढ़ने लगे, तब उन्हें फिरोजपुर हाईवे पर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के निकट रोक दिया गया। वहां प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सिविल प्रशासन के कई अधिकारी पहुंचे थे। हालात बिगड़ने के बाद, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया, जिससे अन्य लोगों ने लुधियाना-फिरोजपुर हाईवे पर जाम लगा दिया। इस जाम को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने जगह-जगह जैमर लगा दिए हैं ताकि मोबाइल नेटवर्क काम न कर सके। ऐसे में रैलियों और प्रदर्शनों की जानकारी को सीमित रखना भी प्रशासन की एक रणनीति है।
प्रदर्शनकारी बुड्ढा नाला को बंद करने की मांग कर रहे हैं, जोकि कई दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। लक्खा सिधाना से जुड़े कई लोग, जिनमें टीटू बानिया, रोमन बराड, मोहिंदर सिंह जैसे समाजसेवियों का नाम शामिल है, को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस आंदोलन के दौरान “काला पानी द मोर्चा” के बैनर तले भी एक संगठन का गठन किया गया है, जो बुड्ढा नाले की सफाई के साथ ही वहां के प्रदूषण के खिलाफ हैं।
राजस्थान के 1500 से अधिक लोगों के लुधियाना पहुंचने की ख़बरों के चलते पुलिस प्रशासन ने शहर के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी है। 2000 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है और हर जवान को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कानून का उल्लंघन करने वालों से कड़े कदम उठाए जाएं। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब स्थानीय जल स्रोतों को प्रदूषित करने का आरोप बुड्ढा नाले पर लगा है, जिसका गंदा पानी सतलुज नदी में मिल जाता है, जिससे राजस्थान के लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
डीसीपी जसकरन सिंह तेजा ने स्पष्ट किया है कि शहर का माहौल किसी भी तरह से बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। ऐसे में हालात को नियंत्रित करने और प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने की कोशिशें जारी हैं। पुलिस की तैनाती केवल प्रदर्शन स्थलों पर ही नहीं, बल्कि जल निकासी संयंत्रों पर भी की गई है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अव्यवस्था उत्पन्न न हो। यहकार्रवाई सभी के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर होने वाले चिंताओं को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।