पंजाब के गुरदासपुर जिले में पाकिस्तान से लगती सीमा के नजदीक खेतों में एक संदिग्ध ड्रोन का पता चला है, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। यह घटना महाल नंगल गांव में रात के समय घटित हुई, जहां एक मजदूर गेहूं की फसल पर छिड़काव कर रहा था। इसी दौरान उसे खेत में एक अजीब सी वस्तु दिखाई दी, जिसे देख उसने तुरंत अपने ठेकेदारों को सूचित किया।
यह भूमि गुरुद्वारा बाबा श्री चंद बाथ साहिब द्वारा खरीदी गई है और अब इसे पूर्व सरपंच बलदेव सिंह, जो तपाला गांव के निवासी हैं, और आढ़ती लखबीर सिंह, जो गांव समराय से हैं, ने ठेके पर लेकर गेहूं की खेती की हुई है। जब मजदूर फसल पर स्प्रे कर रहा था, तब उसे ड्रोन का पता चला, जिससे पूरे इलाके में हलचल मच गई।
मौके पर पहुंचे पुलिस और बीएसएफ की 113 बटालियन के अधिकारियों ने स्थिति को गंभीरता से लिया और ड्रोन को अपने कब्जे में ले लिया। यह ड्रोन, जो संदिग्ध गतिविधियों की आशंका में था, अब पुलिस जांच का विषय बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि इस ड्रोन की जड़ें पाकिस्तान तक जा सकती हैं, जो कि सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए एक चिंता का विषय है।
गुरदासपुर क्षेत्र में ड्रोन के इस मिलन ने सुरक्षा बलों को अतिरिक्त चौकसी बरतने के लिए प्रेरित किया है। बीएसएफ और स्थानीय पुलिस निष्कर्ष निकालने के लिए गहन जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। जनता में इस घटना को लेकर काफी चिंता है, क्योंकि इससे क्षेत्र की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।
सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से, यह घटना सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से बढ़ती हुई गतिविधियों का संकेत देती है। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इस प्रकार की संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें, ताकि किसी भी संभावित खतरे का सामना किया जा सके। इससे पहले भी कई बार हमें ऐसे मामलों की सूचना मिली है जो सीमा पार से ड्रोन गिराने की घटनाओं को दर्शाते हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि सुरक्षा बल सतर्क रहें और इस तरह की घटनाओं पर नजर बनाए रखें।