फर्जी SSP की फेसबुक सेठ: बठिंडा में डोनेशन के नाम पर साइबर ठगी का सनसनीखेज खुलासा!

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बठिंडा में एक नई साइबर ठगी की वारदात सामने आई है, जिसमें साइबर ठगों ने बठिंडा के एसएसपी अमनीत कोंडल के नाम से फ fake फेसबुक अकाउंट बना लिया है। इस फर्जी अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से डोनेशन की मांग की जा रही है। ऐसा कहा गया है कि एक जख्मी बच्चे के इलाज के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता है। इस पोस्ट पर लोगों ने विश्वास करते हुए दान देने का भी निर्णय लिया। खास बात यह है कि इस फर्जी अकाउंट के साथ-साथ एसपी ज्योति के नाम से भी एक झूठा कमेंट किया गया है, जिससे लोगों को और अधिक भ्रमित किया जा रहा है।

जब इस फर्जी फेसबुक आईडी का पता एसएसपी अमनीत कोंडल को चला, तो उन्होंने तत्काल कॉम प्राधिकृत एजेंसी को सूचित करते हुए पेज बंद करवाने और आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह प्रोफाइल फर्जी है, और किसी भी तरह के झांसे में आने से बचें। लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, खासकर जब ऐसे मामले सामने आते हैं जो उनके संवेदनशीलता का लाभ उठाते हैं।

साइबर ठगों ने न केवल एसएसपी की प्रोफाइल फोटो का उपयोग किया है, बल्कि उनकी न्यू जॉइनिंग की जानकारी भी इस फर्जी पेज पर डाली है। इस पेज के बनने के केवल 8 घंटे बाद ही जख्मी बच्चे की तस्वीर के साथ एक भावनात्मक पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा था कि बच्चे के पिता का निधन हो गया है और उसके इलाज के लिए आर्थिक मदद चाहिए। पोस्ट में एक QR कोड का उपयोग भी किया गया है, जो लोगों को सीधे सहायता देने के लिए प्रेरित करता है। इसके अतिरिक्त, कई लोगों को इस खतरनाक फर्जी आईडी के माध्यम से मैसेंजर पर भी संपर्क किया गया है।

इस कृत्य की गंभीरता को समझते हुए, एसएसपी कोंडल ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी सुबह ही प्राप्त हुई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बेवजह का एक धोखा है, और सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। आईपीएस ज्योति यादव, जो कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस की पत्नी हैं, ने भी इस फर्जी पेज का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपने साथियों और फेसबुक पर जुड़े लोगों से अपील की कि वे ऐसी किसी भी मांग पर ध्यान न दें और सतर्क रहें।

साइबर ठगों द्वारा इस प्रकार के अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और यह बेहद जरूरी है कि लोग इसके प्रति जागरूक रहें। ऐसे मामलों में, प्राधिकृत अधिकारियों से संपर्क करना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करना बेहद महत्वपूर्ण है। नागरिकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे फर्जी फेसबुक अकाउंट्स का कोई मान्यता नहीं होती और लोगों से सहायता मांगने वाले सभी अर्जियां अविश्वसनीय होती हैं। सरकार और पुलिस भी साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन सामान्य जनता को भी इस दिशा में सजग रहना चाहिए।