रेलवे डिरेल मामले की NIA जांच: केंद्रीय मंत्री बोले- साजिश के पीछे बड़ी ताकतें!

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देश के रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर, लोहे के गार्डर, और अग्निशामक यंत्रों को रखने की घटनाएं हाल के समय में तेज़ी से बढ़ रही हैं। इस संदर्भ में रेलवे की इंटेलिजेंस एजेंसी ने गुप्त सूचना प्राप्त की है, जिसके चलते रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने इस विषय में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि इन सभी घटनाओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है, जो विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा, एनआईए जल्द ही अपनी अगली कार्रवाई करने की योजना बना रही है।

रवनीत बिट्टू ने कहा कि जांच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि कहीं ये घटनाएं जानबूझकर रेलवे को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से तो नहीं की जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ शक्तियां सचमुच रेलवे को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, पंजाब के किसान संगठनों द्वारा 3 अक्टूबर को 35 स्थानों पर तीन घंटे तक रेल ट्रैक जाम करने के ऐलान पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों को रेल ट्रैक रोकने का जो नुकसान होगा, वह उन्हें स्वयं उठाना होगा।

इसके साथ ही, बिट्टू ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ से राजपुरा के बीच 20 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए पंजाब सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर रोक लगा दी है। यह जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि फिरोजपुर डिवीजन का चंडीगढ़ से कोई सीधा संबंध नहीं है। बठिंडा से आने वाली ट्रेनों को चंडीगढ़ पहुँचना भी मुसीबत बन गया है क्योंकि उन्हें पहले अंबाला से और फिर चंडीगढ़ आना पड़ता है।

बिट्टू ने उल्लेख किया कि जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार द्वारा किया गया है, और तीनों सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने रेलवे को पत्र लिखकर सूचित किया है कि वे भूमि अधिग्रहण में सहयोग नहीं कर सकते। उन्होंने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए अधिक सक्रियता और समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। सरकारें यदि रेलवे की आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं देंगी, तो इससे न केवल यातायात प्रभावित होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियाँ भी रुक सकती हैं।

कुल मिलाकर, हाल ही की घटनाएं रेलवे के संचालन में बाधाएं उत्पन्न कर रही हैं और केंद्रीय राज्य मंत्री का यह बयान संभावित खतरों और समस्या समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेलवे सुरक्षा और विकास के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए यह समय सतर्कता बढ़ाने का है ताकि ऐसे गंभीर मामलों को समय पर सुलझाया जा सके।