दिल्ली की ओर जाने वाली स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन लुधियाना रेलवे स्टेशन पर लगभग डेढ़ घंटे तक खड़ी रही, जिससे यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। प्रारंभ में इस देरी का कारण बताया गया कि लोको पायलट समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंचा। हालांकि, बाद में ये जानकारी मिली कि ट्रेन के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे उसे ठीक करने के बाद ही रवाना किया जा सका। बावजूद इसके, रेलवे के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि देरी का मुख्य कारण ट्रेन का इंजन ही था।
यह घटना तब हुई जब स्वराज एक्सप्रेस ट्रेन, जो ट्रेन संख्या 12472 के नाम से जानी जाती है, पहले ही 45 मिनट की देरी से लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इसका निर्धारित समय शाम 4:30 था, लेकिन वास्तविकता में यह शाम 5:15 पर वहां पहुंची। ट्रेन लुधियाना में लगभग डेढ़ घंटे तक खड़ी रही, जिसके कारण उसके आवागमन में और भी देरी हुई। अंततः, यह ट्रेन लुधियाना से शाम 6:45 पर दिल्ली की ओर रवाना हुई, जो कि अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटे 45 मिनट की देरी थी।
इस दौरान, यात्रियों को रेलवे स्टेशन प्रशासन द्वारा कोई सहायता नहीं दी गई। न तो खाने-पीने का प्रबंध किया गया और न ही यात्रा संबंधी समस्या का समाधान किया गया। इससे यात्रियों में नाराजगी और असंतोष की भावना पैदा हुई। एक ओर जहां ट्रेन के इंजन में आई तकनीकी खराबी की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर यात्री इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या रेलवे प्रशासन भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा।
इस मामले में बड़ी सवाल यह भी है कि क्या रेलवे प्रशासन ने इस तकनीकी खराबी से संबंधित जानकारी को यात्रियों के साथ सही समय पर साझा किया? अगर पहले से ही स्थिति को स्पष्ट किया जाता, तो शायद यात्रियों को इस लंबी प्रतीक्षा की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता। जनता की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देने का दायित्व रेलवे पर है, जिसके तहत ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए बेहतर प्रबंध किए जाने चाहिए।
अंत में, यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि कैसे तकनीकी खराबियां और प्रशासनिक लापरवाही यात्रियों की यात्रा को प्रभावित कर सकती हैं। यात्रियों को हमेशा सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा की आवश्यकता होती है, जिसका ध्यान रेलवे प्रशासन को सख्ती से रखना चाहिए। इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।