पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंचायत चुनावों को लेकर पूरी सक्रियता में दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली, जिसके बाद वह अपने पैतृक गांव सतौज पहुंचे। यह उनका गांव में पहला दौरा था, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे सर्वसम्मति से सरपंच का चुनाव करें। सीएम मान ने विश्वास व्यक्त किया है कि लोग उनकी इस अपील को सुनेंगे और इसका सम्मान करेंगे।
जब मीडिया के रिपोर्टर्स ने उनसे स्वास्थ्य के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि अब उनकी तबियत ठीक है। गांव में आकर वह और भी अधिक तंदुरुस्त महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरपंच का चुनाव गांव के विकास के लिए आवश्यक है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं, बल्कि केवल गांव का प्रतिनिधि हो। सीएम ने यह स्पष्ट किया है कि पंचायत चुनाव पार्टी के निशान पर नहीं कराए जाएंगे, जिससे गांव के विकास की जिम्मेदारी न केवल सरकार के हाथों में रहे, बल्कि स्थानीय नेता भी लोगों की वास्तविक जरूरतों को समझें।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि जो लोग अपने गांव से निकल कर बड़े हो जाते हैं, उन्हें कभी भी अपने मूल निवास से दूरी नहीं बनानी चाहिए। उन्होंने बुजुर्गों की एक कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि चाहे एक इंसान कितना सफल क्यों न हो जाए, लेकिन वह अपने गांव के लोगों के मुकाबले बड़ा नहीं बन सकता। उन्होंने अपने गांव की गलियों को याद करते हुए निवासियों से अपील की कि वे भाईचारे के साथ रहकर एकता बनाए रखें।
सीएम ने यह स्पष्ट किया कि पंजाब में कोई भी गलत कानून नहीं लागू होने दिया जाएगा, इससे साफ है कि वे अपने राज्य की जनता की सुरक्षा और कल्याण के प्रति अत्यंत गंभीर हैं। इस अवसर पर, उन्होंने गांव के गुरुद्वारे में भी माथा टेका और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अरदास की कि पंजाब में एकता और भाईचारा बना रहे।
इस प्रकार, सीएम भगवंत मान का यह दौरा न केवल पंचायत चुनावों की तैयारी को लेकर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके और स्थानीय लोगों के बीच के रिश्तों को भी मजबूत करता है। उनका लक्ष्य यह है कि पंजाब में सरपंच इस चीज का ध्यान रखें कि वे गांव के विकास में सक्रिय योगदान दें और किसी भी पार्टी से ऊपर उठकर गांव के सभी निवासियों के हितों का ध्यान रखें। इस कार्य के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे, ताकि पंजाब की पंचायतें एकजुट होकर अपनी आवाज बना सकें और विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें।