कपूरथला जिले में 2024 के ग्राम पंचायत चुनावों की तैयारी जोरों पर है, जहां जिले की 546 पंचायतों के लिए उम्मीदवारों की संख्या का आंकड़ा सामने आया है। नामांकन पत्रों की जांच के परिणामों के अनुसार, सरपंच पद के लिए 1776 और पंच पद के लिए 5773 उम्मीदवारों को योग्य ठहराया गया। हाल ही में हुए नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 45 सरपंच और 190 पंच उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को विभिन्न कारणों से रद्द किया गया है। जिला चुनाव अधिकारी एवं DC अमित कुमार पांचाल ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
जिला के विभिन्न ब्लॉकों में सरपंच और पंच के लिए नामांकन रद्द होने का क्रम जारी है। ढिलवां ब्लॉक में 17 पंच के लिए 86, नडाला ब्लॉक में सरपंच के लिए 3 और पंच के लिए 10, कपूरथला ब्लॉक में सरपंच के लिए 17 और पंच के लिए 75, फगवाड़ा ब्लॉक में पंच के लिए 6, तथा सुल्तानपुर लोधी ब्लॉक में सरपंच के लिए 8 और पंचायत के लिए 13 नामांकन रद्द किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सरपंच के लिए कुल 1776 उम्मीदवार अब चुनावी मैदान में हैं।
जिला चुनाव अधिकारी ने आगे बताया कि विभिन्न ब्लॉकों में अब शेष बचे उम्मीदवारों की संख्या क्या है। ढिलवां ब्लॉक में सरपंच के लिए 308 और पंच के लिए 986, कपूरथला ब्लॉक में सरपंच के लिए 443 और 1405 पंच मौजूद हैं। नडाला में सरपंच के लिए 281 और पंच के लिए 997, फगवाड़ा में सरपंच के लिए 321 और पंच के लिए 1091 उम्मीदवार चुनावी प्रक्रिया में बने हुए हैं। वहीं, सुल्तानपुर लोधी ब्लॉक में सरपंच के लिए 423 और पंच के लिए 1294 उम्मीदवार सक्रिय हैं।
7 अक्टूबर को नाम वापसी का अंतिम दिन रहेगा। इस दिन सभी उम्मीदवार अपनी इच्छा के अनुसार नामांकन पत्र वापस ले सकेंगे। जबकि 15 अक्टूबर को मतदान प्रक्रिया संपन्न होगी, और उसी दिन मतों की गिनती कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। अमित कुमार पांचाल ने जिले के मतदाताओं से अपील की है कि वह बिना किसी डर और लालच के स्वतंत्रता से अपने वोट का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को इस चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए, जिससे पंचायतों के सफल चुनाव के माध्यम से लोकतंत्र को और अधिक मजबूती मिल सके।
इस चुनाव प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंचायतों के चुनाव क्षेत्रीय स्तर पर सरकार की मूलभूत नींव को मजबूत करते हैं। इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या और विभिन्न ब्लॉकों से जुड़े आंकड़े दर्शाते हैं कि स्थानीय जन प्रतिनिधित्व के लिए लोगों में उत्साह बरकरार है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 15 अक्टूबर के मतदान में कितनी बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।