मोगा में हड़कंप: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 7 सदस्य हथियारों के साथ गिरफ्तार

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पंजाब की मोगा पुलिस ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। ऐसी जानकारी मिली है कि पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने पांच देसी पिस्तौल, सात मैगजीन और छह जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। मोगा के एसएसपी अजय गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस महत्वपूर्ण जानकारी को साझा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के निर्देशों के तहत criminal elements पर नकेल कसने के उद्देश्य से अभियान जारी है, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है।

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को विशेष सूचना मिली थी, जिसके आधार पर टीम ने बस स्टैंड मेहना पर छापेमारी की। वहां लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य सक्रिय थे और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। एसएसपी ने स्पष्ट किया कि तीन मुख्य बदमाशों की पहचान की गई है जो सक्रिय रूप से इन गैंग गतिविधियों में शामिल हैं। इनमें जगदीप सिंह उर्फ जग्गा धुरकोट शामिल है, जो विदेश में रहकर गोल्डी बराड और लॉरेंस बिश्नोई से संबंध रखता है और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करता है, जैसे कि फिरौती वसूलना।

पकड़े गए आरोपियों की सूची में कमलदीप सिंह बधनी (जिला मोगा), तजिंदर सिंह तेजू राउके काला, दिलप्रीत सिंह निहाल सिंह वाला, गुरदीप सिंह बधनी कलां, दिलराज सिंह लोपो, गोबिंद सिंह पटियाला और लवप्रीत सिंह निहाल सिंह वाला शामिल हैं। यह सभी आरोपी पहले से ही विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में शामिल हैं, जो उनके आपराधिक इतिहास को दर्शाते हैं।

मोगा पुलिस द्वारा इस सफलता को शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। एसएसपी अजय गांधी ने यह भी बताया कि पुलिस इन आरोपियों के तीन अन्य साथियों की खोज में जुटी हुई है, जिनमें जगदीप सिंह उर्फ जग्गा धुरकोट, सुखदीप सिंह धुरकोट, और हरजोत सिंह बधनी कलां शामिल हैं। इन सभी बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं, ताकि इस प्रकार के अपराधिक समूहों पर लगाम लगाई जा सके।

इस घटना ने समाज में सुरक्षा की भावना को एक बार फिर से जगाने का कार्य किया है। लोग अब पुलिस की सक्रियता को देखते हुए अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जबकि पुलिस विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इस तरह के और अभियानों की योजना बनाई जा रही है। मोगा पुलिस की यह कार्यवाही इस बात की उदाहरण है कि अपराधी चाहे कितने भी चतुर क्यों न हों, कानून से बचने का कोई रास्ता नहीं है। पुलिस की डिटेक्टिव क्षमताएं और समुदाय के सहयोग से ही ऐसे और भी अपराधियों को पकड़ा जा सकेगा।