पंजाब में पंचायती चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का आज अंतिम दिन है। इस अवसर पर, पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद के खन्ना क्षेत्र में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। यहाँ ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) कार्यालय के बाहर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर रोड जाम किया। इन पार्टियों ने चुनावी प्रक्रिया में धक्केशाही और आर्थिक बाधाओं के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें आवश्यक एनओसी नहीं दी जा रही है और चुल्ला टैक्स की वसूली भी रोकी गई है।
अकाली दल के हलका इंचार्ज यादविंदर सिंह यादू और पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी ने कहा कि आम आदमी पार्टी चुनावी प्रक्रिया में अपारदर्शिता बरत रही है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों को जानबूझकर एनओसी नहीं मिल रही है, जबकि एक आप नेता की आढ़त की दुकान पर पंचायत सचिव अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को एनओसी दे रहे हैं। इस संदर्भ में, प्रदर्शनकारियों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया है, जिससे उनकी आवाज़ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचे।
खन्ना के बीडीपीओ प्यार सिंह ने प्रदर्शनकारियों के आरोपों का खंडन किया। उनका कहना था कि 27 सितंबर से एनओसी जारी की जा रही हैं और अब तक 217 एनओसी दी जा चुकी हैं। आज अंतिम दिन में 28 एनओसी का वितरण किया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धरना देने वाले नेता केवल सत्ता की राजनीति चमकाने के लिए इसे कर रहे हैं, जबकि उनकी टीम पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। बीडीपीओ का यह बयान इस आरोप को झुठलाने की कोशिश है कि चुनावी प्रक्रिया में कोई धांधली हो रही है।
सुरक्षा की दृष्टि से, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए डीएसपी अमृतपाल सिंह भाटी ने अपने पुलिस दल के साथ घटनास्थल पर तैनात रहकर स्थिति को नियंत्रित किया। उनके प्रयासों से माहौल में कुछ हद तक सुधार आया और प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास किया गया। यह स्पष्ट है कि राजनीतिक गतिविधियां पंजाब में गर्मी पकड़े हुए हैं और सभी दलों के नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं से जुड़कर स्थिति को सामान्य करने की आवश्यकता है।
इस घटनाक्रम से संकेत मिलता है कि पंजाब में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की एक नई लहर उठ रही है। आखिरी समय में चुनावी तैयारियों को लेकर चल रही यह खींचातानी दर्शाती है कि चुनावी माहौल कितना संवेदनशील हो सकता है। सभी पार्टियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने-अपने उम्मीदवारों को आगे बढ़ाने का प्रयास करें ताकि लोकतंत्र की भावना को अक्षुण्ण रखा जा सके।