जलंधर-1 के उप-जिलाधिकारी ने जैन आइस मिल में हुई अमोनिया गैस के रिसाव की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा को अगले 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। पहले यह रिपोर्ट आज, यानी 5 अक्टूबर को प्रस्तुत की जानी थी, लेकिन अब इसे 20 अक्टूबर को पेश किया जाएगा। यह निर्णय उस घटना के बाद लिया गया है, जिसमें 21 सितंबर को दामोरिया फ्लाईओवर के निकट जैन आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस लीकेज के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई थी। इसके परिणामस्वरूप जिले के उपायुक्त, हिमांशु अग्रवाल ने मामले की जाँच का कार्यभार एसडीएम-1 को सौंपते हुए, उन्हें 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
इस गैस रिसाव में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, जबकि एक महिला सहित तीन लोग बेहोश हो गए थे। जैन आइस फैक्ट्री में गैस रिसाव के दौरान दम घुटने से शीतल सिंह की जान गई, जो इस फैक्ट्री में काम करने के लिए मात्र तीन महीने पहले ही शामिल हुए थे। घटना के तुरंत बाद, फायर ब्रिगेड ने लगभग दो घंटे की कठिनाई के बाद गैस रिसाव को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की और रात करीब 11 बजे तक इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में खौफ का वातावरण पैदा कर दिया था।
इसी बीच, प्रारंभिक जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि गैस की लीकेज एक पाइप के फटने के कारण हुई थी। पुलिस कमिश्नर ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इस मामले की जांच लगभग 15 दिनों तक चलेगी, जिसके बाद एसडीएम अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई में उन अधिकारियों के नाम भी शामिल किए जाएंगे, जिनकी जिम्मेदारी इस मामले में थी।
अमोनिया गैस का इस्तेमाल आमतौर पर एयर कंडीशनर और फ्रिज में किया जाता है। यह गैस विभिन्न आकारों के रेफ्रिजरेटर में उपयोग की जाती है, चाहे वह छोटे हों या बड़े। ऐसे में इस गैस के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूकता और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस घटना ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
आशा की जाती है कि आगे की जांच में स्पष्टता आएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, सभी संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं फिर से न हों और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।