पंजाब पुलिस अक्सर विवादों में घिरी रहती है, लेकिन फाजिल्का पुलिस का एक कर्मचारी स्वर्णजीत सिंह ने अपनी ईमानदारी से एक नया उदाहरण पेश किया है। हाल ही में, उन्हें एक पर्स मिला जिसमें लगभग 5000 रुपए, कुछ टिकटें और महत्वपूर्ण कागजात थे। स्वर्णजीत ने यह पर्स अपनी ड्यूटीिस्थल पर, जो अदालत का नायब कोर्ट है, लगभग 10 दिन पहले पाया था। इस पर्स के मालिक को खोजने के लिए उन्होंने गहन प्रयास किए, जो उनके संवेदनशील और जिम्मेदार व्यवहार को दर्शाता है।
स्वर्णजीत ने जब पर्स को खोजा, तो उन्होंने पूरी ईमानदारी से उसकी खोजबीन शुरू की। पहले-पहल उन्होंने पर्स का मुआयना किया, लेकिन इसके मालिक का कोई अता-पता नहीं चल पाया। कुछ दिनों बाद जब उन्होंने पर्स को ध्यान से देखा, तो उसमें एक अदालत से संबंधित रसीद मिली। इस रसीद के माध्यम से उन्होंने पर्स के सही मालिक की पहचान करने का मन बनाया। उन्होंने अदालत में पूर्ण जांच की और पता लगाया कि यह पर्स विजय कुमार नामक एक क्लर्क का है, जो वहां कार्यरत था।
जैसे ही स्वर्णजीत को विजय कुमार के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने अपने स्तर पर उसे संपर्क किया और कुछ खास निशानियों के बारे में पूछा। विजय कुमार ने जब उन निशानियों का सही-सही मूल्यांकन किया, तो स्वर्णजीत को यकीन हो गया कि वह सही व्यक्ति से बात कर रहे हैं। इसके बाद, स्वर्णजीत ने विजय कुमार को उसका पर्स, सभी पैसे और महत्वपूर्ण कागजात सहित सौंप दिया। इस ईमानदारी के कार्य के लिए स्वर्णजीत की हर तरफ सराहना की जा रही है।
क्लर्क विजय कुमार ने इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि 10 दिन बीत जाने के बाद, उसे लगने लगा था कि अब वह पर्स नहीं मिलेगा और उसकी मेहनत की कमाई का नुकसान करने का उसका डर सही साबित होगा। लेकिन स्वर्णजीत की ईमानदारी ने उसे आशा दी और वह अत्यंत आभारी है। उन्होंने स्वर्णजीत के प्रयासों की तारीफ की और उसे धन्यवाद दिया, यह बताने के लिए कि ईमानदारी आज भी जिंदा है और ऐसे उदाहरण समाज में सकारात्मक संदेश फैलाते हैं।
इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि ईमानदारी और मेहनत के तत्व सदैव समाज में महत्वपूर्ण होते हैं। फाजिल्का पुलिस के इस कर्मचारी ने न केवल अपने कर्तव्य का पालन किया, बल्कि हमें यह भी याद दिलाया है कि सच्चाई और ईमानदारी के विचार आज भी हमारे समाज में आवश्यक हैं। स्वर्णजीत सिंह की इस पहल ने न केवल उनके विभाग का नाम रोशन किया है, बल्कि समाज में एक प्रेरणा का काम भी किया है।