स्वास्थ्य मंत्री ने सीएचसी चौण्ड प्रकरण में लिया एक्शन, स्वास्थ्य महानिदेशक को कार्रवाई के दिये निर्देश

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– प्रत्येक अस्पताल में चिकित्सकों की लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति : मंत्री धन सिंह रावत

देहरादून, 01 मार्च (हि.स.)। टिहरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौण्ड से रेफर होने पर गर्भवती महिला की मौत के प्रकरण पर स्वास्थ्य महानिदेशक को लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही प्रत्येक राजकीय चिकित्सा इकाइयों में चिकित्सकों सहित मेडिकल कार्मिकों व अन्य स्टॉफ की बायोमेट्रिक उपस्थित सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गए हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुक्रवार को बताया कि टिहरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौण्ड में गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय उपचार न मिलना ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों की घोर लापरवाही है। डॉ रावत ने बताया कि चिकित्सालय में चिकित्सकों की अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति के कारण गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने और हायर सेंटर रेफर करने पर रास्ते में मृत्यु होने पर अनुपस्थित नियमित चिकित्सक एवं संविदा बांडधारी चिकित्सक के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनिता शाह को निर्देश दे दिये गये हैं।

मंत्री ने बताया कि प्रत्येक राजकीय चिकित्सा इकाई में चिकित्सकों, नर्सिंग अधिकारियों, फार्मासिस्टों, मेडिकल स्टॉफ सहित अन्य स्टॉफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी, जिसके आधार पर ही कार्मिकों का वेतन आहरित किया जायेगा। डॉ. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जनता का विभाग है, लिहाजा अस्पतालों में मरीजों के उपचार व उनके स्वास्थ्य देखभाल को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बजट सत्र में उठे इस प्रकरण पर डॉ. रावत ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौण्ड में चिकित्सकों के नौ पद सृजित हैं, जिनके सापेक्ष चिकित्सालय में तीन चिकित्सक तैनात हैं।

उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय टिहरी व आस-पास के अस्पतालों से रोटेशन के आधार पर स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती चिकित्सालय में सप्ताह में तीन दिन के लिए कर दी गई है। स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधा व उपचार मिल सकेगा। डॉ. रावत ने बताया कि सरकार प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने में जुटी है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को करीब 350 नये बांडधारी चिकित्सक मिल जायेंगे, जिनकी तैनाती सुदूर व पर्वतीय क्षेत्रों के चिकित्सा इकाइयों की जायेगी।