विभागों से प्रेजेंटेशन कराएं और शिक्षा में सुधार करें मंत्री : राज्यपाल

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– शिक्षा मंथन कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों से की अपील

कानपुर, 09 जुलाई (हि.स.)। शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए हमें खुद शुरुआत करनी होगी। एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपना सही नहीं है। प्रदेश सरकार के मंत्रियों से निवेदन है कि वे विभागों के अधिकारियों को बुलाकर प्रेजेंटेशन कराएं। समस्या क्या है, उसका समाधान क्या होना चाहिए, इस पर मंथन करें और अपने विभागों के अधीन शिक्षण संस्थानों में समय से उसे लागू कराएं। कोई अधिकारी मना करें तो एक्शन लें। अगर हमारी वजह से अगर बच्चे कष्ट उठाते हैं तो दोष हमारा है।

यह बातें रविवार शाम को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित शिक्षा मंथन कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सभागार में मौजूद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी से कही।

राज्यपाल ने कहा कि वह जब भी अखबार पढ़ती हैं तो ज्यादातर विश्वविद्यालयों में एडमिशन मूल्यांकन अंकतालिका में बदलाव डिग्री न मिलने जैसी खबरें पढ़ती हैं। गुजरात में भी कई वर्ष पूर्व ऐसा ही था लेकिन उन्होंने प्रयत्न करके उन हालातों को बदला। इसी तरह यूपी में भी विश्वविद्यालयों में व्यापक सुधार की जरूरत है। राज्यपाल ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक से कहा कि शिक्षा मंथन कार्यक्रम में हुए प्रस्तुतीकरण व आने वाले सुझावों की सॉफ्ट कॉपी सभी विश्वविद्यालयों को 2 से 3 दिन में भेजें। यह सभी विश्वविद्यालय अपने यहां कर्मचारियों की बैठक करके इन प्रेजेंटेशन व सुझावों को देखें। साथ ही यह देखें कि इनमें से किन बातों पर अमल करने की जरूरत है। नैक, एनआईआरएफ, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग आदि में प्रतिभाग करें।

बेस्ट प्रैक्टिस बुक बनाओ, विश्वविद्यालयों को भेजो

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से भी कहा कि वह अपने यहां संचालित गतिविधियों के आधार पर बेस्ट प्रैक्टिस बुक बनाएं और उन्हें सभी विश्वविद्यालयों को भेजें। उसके अनुरूप सभी विश्वविद्यालय भी अपने यहां उन गतिविधियों को शुरू कराएं। हालांकि चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड लाने वाले दो विश्वविद्यालयों को होमवर्क दिया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ।

आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुरू कराओ एनईपी

राज्यपाल ने बताया कि राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति केजी से लेकर पीजी तक में लागू की गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों के लिए नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा व्यवस्था का प्रावधान किया गया है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों को अभी तक यह नहीं मालूम कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। उन्होंने आव्हान किया कि आंगनबाड़ी केंद्र बेस्ट प्रैक्टिस के तहत बच्चों को ले जाकर कम से कम गमले में पौधारोपण तो कराएं।