अलनीनो के प्रभाव से देर से आएगा मानसून, बुवाई में जल्दबाजी न करें किसान

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22HREG96 अलनीनो के प्रभाव से देर से आएगा मानसून, बुवाई में जल्दबाजी न करें किसान

– छह दिन की देरी चल रहा मानसून चार जून को पहुंच सकता है केरल

कानपुर, 22 मई (हि.स.)। प्रशांत महासागर में गर्म धारा अलनीनो का प्रभाव इस सीजन में पड़ता दिखाई दे रहा है जिससे फिलहाल छह दिन की देरी से मानसून चल रहा है। अगर गर्म धारा और प्रभावित हुई तो देरी के साथ मानसून कमजोर भी हो सकता है। ऐसे में किसान भाइयों को सलाह दी जा रही है कि खरीफ की फसलों की बुवाई में जल्दबाजी न करें और मानसून आने पर ही बुवाई का कार्य तेजी से करें। यह बातें सोमवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।

उन्होंने बताया कि भारत में किसानों के लिए मानसूनी बारिश सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसानों की खरीफ फसलें लगभग पूरी तरह से मानूसनी वर्षा पर ही निर्भर रहती हैं। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत 29 मई से एक जून के बीच मानी जाती है और केरल मानसून पहुंच जाता है, लेकिन इस सीजन में प्रशांत महासागर पर गर्म धारा का प्रवाह है। इससे मानसून सात दिनों की देरी से चार जून केरल तट पर पहुंचने की संभावना है। हालांकि इसमें और देरी होगी कि नहीं यह प्रशांत महासागर पर गर्म धारा यानी अलनीनो के प्रभाव पर निर्भर करेगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भी इस वर्ष मानसून केरल में चार जून तक पहुंचने होने की सम्भावना है। जो चार दिन आगे पीछे भी हो सकता है। वहीं प्राइवेट एजेंसी के अनुसार इस साल केरल के ऊपर दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत 07 जून से हो सकती है। इसमें तीन दिन आगे या पीछे होने की सम्भावना है।

बताया कि मौसम की इन गतिविधियों को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि खरीफ फसल की बुवाई में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। पिछले वर्ष की तरह अगर बुवाई होती है तो किसानों को नुकसान होने की अधिक संभावना है। इसलिए मौसम विभाग के पूर्वानुसार पर नजर बनाये रखें।