बुद्ध के सिद्धान्तों की बढ़ रही प्रासंगिकता : नीला आंग

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05HREG178 बुद्ध के सिद्धान्तों की बढ़ रही प्रासंगिकता : नीला आंग

– बुद्ध जयंती पर निकली भव्य शोभा यात्रा

कुशीनगर,05 अप्रैल(हि. स.)।अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में शुक्रवार को 2567 वीं बुद्ध जयंती (बैसाख पूर्णिमा) के अवसर पर समारोह का प्रारंभ शुक्रवार को प्रातःकाल महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा विशेष पूजा के बाद शोभा यात्रा से हुआ। प्रातःकाल से ही बुद्ध मंदिर से बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मम शरणं गच्छामि, संघम शरणं गच्छामि का स्वर गूंजने लगा था। शोभा यात्रा में गाजे-बाजे के साथ शामिल भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित झांकियां आकर्षण का केंद्र बने रहे। इसमें भारत सहित अन्य देशों के भिक्षु, उपासक, उपासिकाएं, स्कूली बच्चे शामिल रहे। शोभा यात्रा का शुभारंभ महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से हुआ। म्यांमार बुद्ध मंदिर के प्रमुख एबी ज्ञानेश्वर की उपस्थिति में यहां म्यांमार के विदेश मामलों के मंत्रालय की निदेशक नीला आंग ने धम्म ध्वज दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया।

उन्होंने कहा कि बुद्ध के सिद्धांत करुणा, शांति व मैत्री का संदेश देते हैं। अनुपालन करने से विश्व में शांति की स्थापना हो सकती है। बुद्ध के सिद्धांतों की प्रासंगिकता निरंतर बढ़ रही है। शोभा यात्रा कुशीनगर से कसया गई और भ्रमण करते हुए रामाभार स्तूप, बुद्ध मन्दिर मार्ग होते हुए म्यांमार बुद्ध मंदिर के सभा स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई। शोभा यात्रा का स्थान-स्थान पर स्वागत हुआ।

शोभायात्रा में भिक्षु शीलप्रकाश,भंते नन्दका, भिक्षु अस्सजी, फ्रा अथार्नधम्मानुसित, लामा कोंचोक टेंगकयोंग, फ्रा दम, फ्रा वी, लामा संदीप, भंते महेंद्र, भंते डा. नन्दरतन, भंते अशोक आदि बौद्ध भिक्षु व अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।