बलिया : चार बार विधायक, कैबिनेट मंत्री रहने के बाद मृत्यु हुई तो खाते में थे महज 250 रुपये

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28HREG106 बलिया : चार बार विधायक, कैबिनेट मंत्री रहने के बाद मृत्यु हुई तो खाते में थे महज 250 रुपये

– पच्चीसवीं पुण्यतिथि पर लोग याद कर रहे पूर्व मंत्री गौरी भैया को

बलिया, 28 मई (हि. स.)। आज के दौर में यह यकीन करना मुश्किल होगा कि कोई राजनेता लगातार चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहा हो और जब उसकी मृत्यु हो तो उसके बैंक खाते में महज 250 रुपये बचे हों। लेकिन आज से ठीक पच्चीस वर्ष पहले जब गौरी भैया की असामयिक मृत्यु हुई थी तो उनके खाते में इतने ही पैसे बचे थे।

सागरपाली में जन्मे गौरीशंकर सिंह को लोग गौरी भैया के रूप में जानते थे। जिले के सबसे बड़े टीडी काॅलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले गौरी भैया पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के सबसे करीबियों में से एक थे।

उन्होंने चन्द्रशेखर का साथ मरते दम तक नहीं छोड़ा। कोपाचिट (वर्तमान में फेफना) विधानसभा क्षेत्र से 1977 से 1990 तक लगातार चार बार विधायक चुने गए। 1980 में दूसरी बार विधायक बनने पर पुरानी जीप खरीदी थी। 1990 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बने तो बलिया आगमन पर उनके स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा था। क्षेत्र के लोगों की पैरवी बिना भेदभाव करते थे। चाहे वह उनका समर्थक हो या विरोधी, सबके लिए तुरंत चल देते थे। उनकी गरीबों का मसीहा की छवि थी। जन-जन के लिए हर समय सुलभ गौरी भैया का जब 28 मई 1998 को निधन हुआ तो उनके पास खाते में सिर्फ 250 रुपये थे। जबकि पत्नी, दो बेटियों और दो बेटों का भरा पूरा परिवार उनके पीछे था। गौरी भैया के बारे में कहा जाता है कि उनके पास जो भी कुछ रहता था, उसे अपने साथ के लोगों में बांट देते थे। शायद इसीलिए रविवार यानी 28 मई को उनकी पुण्यतिथि पर गौरी भैया को लोग एक जननेता के रूप में याद कर रहे हैं।