नृत्य, कविताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश

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26HREG2 नृत्य, कविताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश

पृथ्वी दिवस पर उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी प्रेक्षागृह में हुआ ’मैं धरती हूं’ का मंचन

लखनऊ, 25 अप्रैल (हि.स.)। नृत्य, कविताओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण व पृथ्वी को हरा-भरा रखने का संदेश दिया गया। हेल्पिंग हार्ट्ज़ फाउंडेशन की ओर से मंगलवार को पृथ्वी दिवस नृत्य नाटिका ’मैं धरती हू’ का मंचन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के गोमती नगर स्थित उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के संत गाड्गे जी प्रेक्षागृह में हुआ। काव्य रचनाओं में पिरोई काव्यात्मक नृत्य नाटिका ’मैं धरती हूं’ का मंचन संगीत नाटक अकादमी में मंगलवार को हुआ। नृत्य नाटिका निर्देशन व लेखन जानी-मानी लेखिका ज्योति किरण सिन्हा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ राणा प्रताप सिंह ने धरती के संरक्षण के पार्टी अपने उद्गार रखे। विशिष्ठ अतिथि डॉ विद्या बिंदु सिंह, डॉ मंसूर हसन, पूर्व लोकायुक्त जस्टिस वर्मा, भातखण्डे विश्वविद्यालय की कुलपति मांडवी सिंह व अरविन्द चतुर्वेदी रहे।

नृत्य नाटिका में पर्यावरण, प्रकृति, धरती और गंगा जैसी पावन नदियों के संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया गया। नाटक की प्रस्तुति हेल्पिंग हार्ट्स की ओर से की गई। संस्था के अध्यक्ष डॉ नकुल सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में प्रकृति के नियमों की अवहेलना, जंगलों की कटाई और धरती का खनन बहुत सी प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सुनामी, भूकंप, जल और वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इसके लिए चलाए गए क्लीन गंगा स्वच्छ गंगा प्रोजेक्ट के प्रति जन मानस में जागरूकता फैलाने के लिए इस नृत्य नाटिका को मंचित किया गया।

इससे पहले नाटिका का मंचन 2019 में प्रयागराज के कुम्भ मेले में संस्कृति विभाग के सौजन्य से मंचित किया गया था। अब दूसरी बार उप्र संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में हुआ। बताया कि मंचन का प्रमुख प्रमुख उद्देश्य यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नैसर्गिक धरोहर नदियों, धरती और पूर्ण प्रकृति के प्रति संवेदनशील हो उसका संरक्षण और सम्मान करें।

इस अवसर पर ज्योति किरण सिन्हा की लिखी कविता ’किसने ये दिनरात बनाये, बहुरंगी मौसम महकाये’ सुनाया। पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह जी का लिखित अवधी गीत ’मोरी गंगा मैय्या की धवल लहरिया, लहर लहर लहराए अँचरवा’ ने अवध की झलक दिखाई। कथक नृत्यागंना डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव के निर्देशन में धरती की व्यथा कथा कहते गीतों के माध्यम से प्रियंका सिंह ने धरती के रूप में अपने सशक्त अभिनय ने प्रकृति के संरक्षण का अद्भुत सन्देश दिया। इसका संगीत संयोजन सुप्रसिद्ध गायक बृजेन्द्र श्रीवास्तव ने किया। इनके साथ तबले पर विकास मिश्र, सितार पर दिजेन्द्रो शर्मा, बांसुरी पर नृपेंद्र मिश्रा, सरोद पर अभिजीत रॉय चौधरी ने दिया।