खिलाड़ी के जीवन में डाइट का विशेष स्थान : डा. चौहान

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25HREG44 खिलाड़ी के जीवन में डाइट का विशेष स्थान : डा. चौहान

हरिद्वार, 25 अप्रैल (हि.स.)। खिलाड़ी के जीवन में भोजन का स्थान सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। रोटी-सब्जी खाने वाला व्यक्ति सामान्य जीवन यापन कर सकता है, लेकिन खिलाड़ी के लिए यह स्थिति खतरा पैदा कर सकती है।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा और खेल विभाग में स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन-आवश्यकता अथवा जरूरत विषय पर एमपीएड और बीपीईएस पाठयक्रम के छात्रों के लिए एक विशेष सत्र हुआ।

विशेष सत्र में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि शरीर की कार्य क्षमता भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पर निर्भर करती है। भोजन व्यक्ति के विकास की नींव का निर्माण करता है। भोजन से मिलने वाले तत्व शरीर में ऊर्जा तथा स्फूर्ति पैदा करते हैं। इस स्फूर्ति को प्राप्त करने के लिए एक सामान्य व्यक्ति तथा खिलाड़ी को अपनी शारीरिक बनावट तथा विकास को ध्यान में रखकर भोजन का चयन करना चाहिए।

अधिकांश तौर पर शरीर को प्रोटीन की मध्यम मात्रा, वसा की कम मात्रा और कार्बोहाईड्रेट की अधिक मात्रा लेनी चाहिए। खिलाड़ी को अपने दैनिक भोजन मे सामान्य व्यक्ति के डाइट प्लान से अधिक प्रोटीन, वसा एवं कार्बोहाईड्रेट्स ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भोजन से मिलने वाले पोषक तत्व की मात्रा पर ही शरीर के विकास की दर निर्भर करती है। सही भोजन मिलने से खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने में दक्ष बन सकता है। वहीं अभाव में खिलाड़ी को वाह्य और आन्तरिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ सकता है।

डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि एक सन्तुलित जीवन-शैली यापन के लिए भोजन और निद्रा के बीच तालमेल जरूरी है। पोषक भोजन शरीर की कमियों की पूर्ति करता है। विशेष सत्र में छात्रों ने अपनी रूचि से जुडे़ खेलो़ं में न्यूट्रीशन के महत्व से जुडे अनेक प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किये।