19HREG437 फैटी लिवर का सबसे प्रभावी उपचार व्यायाम : प्रो. अमित गोयल
लखनऊ, 19 अप्रैल (हि.स.)। फैटी लिवर की बीमारी देश में लिवर की बीमारियों के बढ़ते बोझ का प्रमुख कारण है। हममें से हर तीसरे व्यक्ति में फैटी लिवर हो सकता है। एसजीपीजीआई लखनऊ के हेपेटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित गोयल ने बताया कि फैटी लिवर का सबसे प्रभावी उपचार व्यायाम है। वह विश्व यकृत दिवस पर हेपेटोलॉजी विभाग एसजीपीजीआई की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी फैटी लिवर के बढ़ते मामलों के बारे में कहा कि नवीनतम अध्ययनों के अनुसार, देश में हर चौथे व्यक्ति में फैटी लिवर है। फैटी लिवर का मुख्य कारण गतिहीन जीवन शैली, जंक फूड खाना और लोगों में व्यायाम और खेल गतिविधियों की कमी है।
प्रो. अमित ने कहा कि वसायुक्त यकृत रोग के लिए वजन कम करना और व्यायाम सबसे प्रभावी उपचार है। शरीर के वजन का 5 प्रतिशत वजन कम करने से फैटी लिवर ठीक हो सकता है। अगर हम अपना 10 प्रतिशत वजन कम कर सकते हैं तो लिवर की चोट और लीवर फाइब्रोसिस भी उलट सकता है।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर.के. धीमान ने देश और राज्य में लिवर की बीमारियों के बढ़ते बोझ पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने विशेष रूप से लिवर की बीमारियों का जल्दी पता लगाने पर जोर दिया ताकि सिरोसिस और लिवर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके।
एसजीपीजीआई कम खर्च में कर रहा लिवर ट्रांसप्लांट
हेपेटोलॉजी विभाग के सहायक प्रो. डॉ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एसजीपीजीआई देश का पहला ऐसा संस्थान है जिसने लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट किया है। यहां पर निजी अस्पतालों की तुलना में काफी कम खर्च में लिवर ट्रांसप्लांट कर रहा है। उन्होंने राज्य भर के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि वे लिवर सिरोसिस के रोगियों को लिवर प्रत्यारोपण हेतु मूल्यांकन के लिए संजय गांधी पीजीआई जल्दी रेफर करें। यहां लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है। लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीज सप्ताह के प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में परामर्श के लिए आ सकते हैं। वेबिनार में संस्थान की फैकल्टी और स्टाफ सदस्यों और राज्य के 38 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों ने भाग लिया।