अपनी मांगों लेकर कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

Share

20HREG229 अपनी मांगों लेकर कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

सीहोर, 20 अप्रैल (हि.स.)। सोलह सूत्रीय मांगों लेकर लिपिक वर्गीय कर्मंचारी संघ, म.प्र. तृतीय वर्गींय कर्मंचारी संघ, म.प्र. लघुवेतन कर्मंचारी संघ, मप्र वाहन चालक कर्मंचारी संघ, मप्र पेंशनर संघ ने गुरुवार को संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन दिया। कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रदेश जिला पदाधिकारी राजेंद्र मिश्रा, दिग्विजय सिंह, अंशुल शर्मा,सुंदरलाल राठौर,हरिओम शर्मा भागीरथ परमार, सिद्धु सिंह ठाकुर मौजूद रहे।

बताया गया कि मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा लंबित मांगों के निराकरण के लिए कई बार ज्ञापन एवं पत्र के माध्यम से समय-समय पर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया गया है, लेकिन शासन स्तर पर इन मांगों का निराकरण नहीं किया गया है। मांगों का निराकरण नहीं होने के कारण राज्य के कर्मचारियों में व्यापक रूप से असंतोष व्याप्त है। जिस के चलते संयुक्त मंच द्वारा मांगपत्र में उल्लेखित मांगो के निराकरण के लिए निम्नानुसार चरणवद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। चारों संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम चरण के तहत गुरुवार को जिला मुख्यालयों में मान मुख्य सचिव के नाम से संबोधित ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से दिया गया है। द्वितीय चरण में 29 अप्रैल को चारों संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में भोपाल में प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

यह है संयुक्त मंच की लंबित मांगे

विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यरत् लिपिकों को भी मंत्रालय के समान द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ वर्ष 2006 से दिया जाए, पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जाए। अनुकम्पा नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 को निर्धारित समयावधि में सी.पी. सी. टी. परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाने के कारण सेवा समाप्त नहीं की जाए। जिन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई है उन्हें पुन: सेवा में लिया जाए। वाहन चालक का पद नाम परिवर्तित किया जाकर व्हीकल ऑपरेटर किया जाये। टैक्सी प्रथा बंद की जाए। विभागों में वाहन चालकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाकर समाप्त किए। कर्मचारियों को नई पेंशन प्रणाली को बंद किया जाकर पुरानो पेंशन बहाल की जाए। सहायक ग्रेड-03 एवं कम्प्यूटर आपरेटर की योग्यता एवं कार्य एक समान होने के कारण सहायक ग्रेड-103 को कम्प्यूटर आपरेटर के समान ग्रेड-पे 2400 दिया जाए। सहायक शिक्षक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान के स्थान पर समयमान वेतनमान व पदोन्नति पदनाम दिया जाए तथा शिक्षकों को केन्द्र के अनुरूप छठवें एवं सातवें केन्द्रीय वेतनमान का लाभ दिया जाए। प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षक को प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता दी जाए।

इसके अलावा कर्मचारियों के लिये मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लागू की जाए। माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 30 जून को रिटायर्ड कर्मचारी को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। अहंतादायी पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर केन्द्र एवं अन्य राज्यों के समान 25 वर्ष की जाए। हैण्डपंप टेकनीशियन की वेतन विसंगति दूर कर पांचवें वेतनमान अनुसार 4000-6000 किया जाए, नियुक्ति दिनांक से प्रभावशील वेतनमान 1150-1800 मान्य किया जाकर पुर्ननियमन की कार्यवाही को समाप्त किया जाए तथा अवकाश नगदीकरण की सुविधा प्रदान की जाए।

ज्ञापन सौपते समय बड़ी संख्या में लिपिक वर्गींय कर्मंचारी संघ, म.प्र. तृतीय वर्गींय कर्मंचारी संघ, म.प्र. लघुवेतन कर्मंचारी संघ, मप्र वाहन चालक कर्मंचारी संघ, म.प्र. पेंशनर संघ के राजेंद्र मिश्रा,दिग्विजय सिंह,अंशुल शर्मा,सुंदरलाल राठौर,हरिओम शर्मा सहित कर्मचारी सम्मिलित रहे।