01HREG28 श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि की शैक्षिक परिषद की हुई बैठक
-ऋषिकेश के आधारभूत सुदृढ़ीकरण को लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
-श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का होगा चहुंमुखी विकास : कुलपति प्रो.रावत
ऋषिकेश, 01 फरवरी (हि.स.)। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की ऑनलाइन बैठक प्रो. एमएसरावत, कुलपति की अध्यक्षता में ऑनलाइन माध्यम से हुई।
शैक्षिक परिषद की 13 अगस्त को हुई बारहवीं बैठक में लिये गये निर्णयों पर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) एवं परीक्षा समिति की पंचम बैठक 24 जनवरी के निर्णयों का अनुमोदन दिया गया। (पंडित ललित मोहन शर्मा) पं.ल.मो. शर्मा परिसर, ऋषिकेश को अन्य विश्वविद्यालयों की भांति गेस्ट फैकल्टी, तैनात किये जाने, वर्तमान में संचालित स्नातक विभागों (गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, संस्कृत, शिक्षा शास्त्र, संगीत, शारीरिक शिक्षा) को स्नात्तकोत्तर विभागों में परिवर्तन, जो विभाग स्नातक (गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, संस्कृत, शिक्षा शास्त्र, संगीत, शारीरिक शिक्षा) हैं, उनमें भी पीएचडी पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाने का अनुमोदन किया गया। पं.ल.मो. शर्मा परिसर, ऋषिकेश में स्ववित्त पोषित योजना के अन्तर्गत बीएफ ए, एमएफए, बीएसी, बीएल आईडी सहित सभी विषय के पाठ्यक्रमों को संचालित किये जाने, एमए योगा में 30 सीटों के स्थान पर 60 सीटें स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन दिया गया।
पं.ल.मो. शर्मा परिसर, ऋषिकेश में ड्राइंग हैंड पेंटिंग मिलिट्री साइंस फिलॉस्फी पाठ्यक्रमों को भी संचालित किये जाने के प्रस्ताव भी रखे गए। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम के अन्तर्गत पूर्व में स्वीकृत बीएड पाठ्यक्रम को संचालित किये जाने, बीएबीएड, बीएससीबीएड, बीकाम,बीएड इन्ट्रीग्रेडेट पाठ्यक्रम आरम्भ किये जाने का सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान किया गया।
परिसर, ऋषिकेश के पुस्तकालय को अध्वाधिक किये जाने यथा लाइब्रेरी का पुरूरोत्थान, ई-लाइब्रेरी निर्माण, ई-बुक क्रय किये जाने इत्यादि का भी अनुमोदन किया गया। निर्माण एवं पुर्ननिर्माण कार्यों के अन्तर्गत परिसर, ऋषिकेश के शिविर कार्यालय, वाणिज्य संकाय, जन्तु विज्ञान, पुस्तकालय/महिला छात्रावास के प्रथम तल के ऊपर द्वितीय तल तथा कला संकाय के ऊपर तृतीय तल पर अनावासीय भवनों का निर्माण किये जाने, महिला छात्रावास एवं परिसर की क्षतिग्रस्त चाहरदीवारी/कक्षों की मरम्मत एवं पुनर्निमाण किये जाने का अनुमोदन दिया गया। विश्वविद्यालय को राजभवन से प्राप्त अस्थायी सम्बद्धता से सम्बन्धित औपचारिक आदेशों, विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का अनुमोदन एवं भविष्य में निर्मित होने वाले विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के अनुमोदन के लिए कुलपति को अधिकृत किये, निरीक्षण उपरान्त विश्वविद्यालय को प्राप्त होने वाले विभिन्न संस्थानों के एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अस्थाई सम्बद्धता का अनुमोदन किया गया।
बीएड/बैक पेपर व अन्य परीक्षाओं के लिए यदि कहीं विश्वविद्यालय परीक्षा केन्द्र बनवाते हैं, तो उन्हें सेन्टर चार्जेज दिये जाने और अन्य राजकीय महाविद्यालयों के समान अनुदानित/अशासकीय महाविद्यालयों को सेन्टर चार्जेज दिये जाने पर के सम्बन्ध में परिषद की अगली बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। बीएड प्रवेश के सम्बन्ध में केआर भट्ट द्वारा सदन को अवगत कराया गया कि सम्बद्ध संस्थानों में हे.नं.ब.ग.विवि की भांति छात्रों को प्रवेशित किया जाये, ताकि संस्थानों में सीट रिक्त न रहे।
इस सम्बन्ध में कुलपति प्रो. रावत ने एनसीटीई एवं अन्य नियमों के परीक्षण को एक कमेटी गठित कर अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। कुलसचिव केआर भट्ट ने परिसर विकास के लिए इस बैठक को एक आधारभूत कदम बताया और इनके क्रियान्वयन को वह विशेष प्रयास करेंगे। कुलपति ने सदन को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय का चहुंमुखी विकास होना अत्यन्त ही आवश्यक होता है।
कुलपति ने कहा किया कि परिषद में लिये गये निर्णय विश्वविद्यालय और परिसर उत्थान एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके अतिरिक्त कुलपति ने उच्च शिक्षा मंत्री की मंशा के अनुरूप एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव, 180 दिन पठन-पाठन की व्यवस्था, एनईपी 2020, निःक्षय मित्र बनाने, आभा आईडी के बनाने के सम्बन्ध में सदन को अवगत कराते हुए परिचर्या की गयी। कुलसचिव ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसमें प्रो.एमएम मवाडी, कुमायूं विवि, प्रो. पीडी पन्त, मुक्त विश्वविद्यालय, प्रो.जीके ढींगरा, प्रो. डीसी गोस्वामी, डाॅ. वीपी श्रीवास्तव, परीक्षा नियन्त्रक, परिसर के समस्त विभागाध्यक्ष, आचार्य एवं सम्बद्ध संस्थानों के विभिन्न प्राध्यापक आदि उपस्थित रहे।