18HREG50 अशोकनगर: पंचकर्म थैरपी से मिलेगा उपचार, एक ही छत के नीचे मिलेंगी उपचार सुविधाएं
अशोकनगर, 18 अक्टूबर(हि.स.)। जिला अस्पताल परिसर में आयुर्वेदिक अस्पताल भवन निर्माण प्रक्रिया शुरू हो गई है। आगामी छह माह के अंतराल में एक ही छत के नीचे विभिन्न बीमारियों के सभी पद्धतियों से उपचार शुरू हो जाएंगे। यहां आयुर्वेदिक भवन निर्माण के पश्चात पंचकर्म थैरपी से उपचार शुरू होने से मरीज का स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
जिला आयुष अधिकारी डॉ.विनोद कुमार ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि जिला अस्पताल परिसर में आयुर्वेदिक अस्पताल भावन की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो गई है। भवन निर्माण पश्चात यहां ऐलोपैथिक के अलावा आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति से मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा।
उनका कहना है कि आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही पंचकर्म थैरपी से लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। शुभारंभ होने पर यहां एलोपैथिक के अलावा आयुर्वेदिक और यूनानी अलग-अलग चार डॉक्टर के अलावा दस लोगों का स्टाफ अलग से कार्यरत होगा। उन्होंने बताया इनके अलावा एक पंचकर्म थैरपी विशेषज्ञ अलग से रहेंगे, जिनके द्वारा पंचकर्म थैरपी से असाघ्य रोग जैसे पैरालाइसिस, अर्थराइटिस आदि का उपचार किया जा सकेगा।
क्या है पंचकर्म थैरपी:
पंचकर्म थैरपी के बारे में बताते हैं कि पंचकर्म आयुर्वेद उपचार की विशिष्टता है कि जो किसी चिकित्सा पद्धति में नहीं है, अनेक जटिल एवं असाध्य रोग जो केवल औषधोपचार से उपचारित नहीं हो पाती, वे पंचकर्म से सहजता से ठीक की जा सकती है। इस विधि से प्रमुख रूप से स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, वस्ति, नस्य व रक्त मोक्षण आदि क्रया-कलापों के माध्यम से शरीर व मन में स्थित विकृत दोषों को बाहर निकाला जाता है, जिससे दुबारा रोगों की उत्पत्ति न हो।
पुराना महिला वार्ड तोड़ कर बन रहा भावन:
जिला अस्पताल परिसर में पुराने महिला वार्ड को तोड़ कर नए आयुर्वेदिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। बताया गया कि आयुर्वेदिक भवन निर्माण करीब 25 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसके निर्माण होते ही यहां आयुर्वेदिक और यूनानी उपचार शुरू हो जाएगा।