स्वास्थ्य, धर्म और राष्ट्र रक्षा के प्रति पतंजलि प्रतिबद्ध : स्वामी रामदेव

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हरिद्वार, 11 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन एक पर्व नहीं है। यह लाखाें-करोड़ों बहनों की श्रद्धा, आस्था और विश्वास का प्रतीक है। आज इस पर्व को पंतजलि योगपीठ में धूमधाम से मनाया गया। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर समस्त बहनाें ने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

स्वामी रामदेव ने कहा कि आज के दिन से हम ने एक नए अभियान की शुरूआत की है। आज के दिन से स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पूरा पंतजलि योगपीठ हर दिन हर एक बहन के स्वास्थ्य रक्षा से लेकर धर्म रक्षा और राष्ट्र रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

स्वामी रामदेव ने देश वासियों से आग्रह किया कि आज विदेशी वस्तुयाें की खरीदारी से डालर को मजबूत बना रहे हैं और रुपये को कमजोर कर रहे हैं। यदि हम विदेशी वस्तुओं का सेवन करेंगे तो भारत की आर्थिक क्षमता कमजोर पडे़गी। इसलिये इस रक्षाबंधन पर सभी देशवासियों को संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम सभी को विदेशी वस्तुओं को त्याग कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की आवश्यकता है। तभी यह देश आर्थिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ेगा।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज के दिन बहने अपने भाइयों के हाथो में रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने भाई से यह अपेक्षा करती है कि वह सदैव उसके कल्याण के लिये उसकी रक्षा के लिये सदैव संकल्पित रहेगा। कहा की सक्षम व्यक्ति ही निर्बल की सहायता करता है। गुरु सदैव सक्षम होता है अपने शिष्यों की रक्षा करने के लिये। इसलिये भाई भी अधिक सक्षम माना जाता है बहनों की रक्षा करने के लिये। इसलिये जिस बंधन की रक्षा कर सके वह भाई सदैव अपनी बहनों का प्रिय होता है।

उन्होंने कहा कि आज हिन्दू संस्कृति की रक्षा करने के लिये सभी हिन्दू भाइयाें को सिर पर शिखा और तन पर जनेऊ धारण करने की आवश्यकता है। आज का दिन अपनी संस्कृति परम्पराओं को आगे बढ़ाने का दिन है। आज जिस तरह से हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा अभियान चल रहा है, जोकि हमारे राष्ट्र व गौरव का प्रतीक है। उसी तरह हमारे जनेऊ व शिखा धर्म व संस्कृति का प्रतिक है।