देश की आजादी के लिये पूर्वजों ने किया लम्बा संघर्ष

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हरिद्वार, 11 अगस्त (हि.स.)। देश की युवा पीढी को अपने देश के गौरवशाली इतिहास को जानना और समझना चाहिए। बिना अपने इतिहास को समझे कोई भी देश व उसकी युवा पीढी विकास के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सकती है।

यह विचार गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविधालय के संग्रहालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर लगायी गयी विभाजन की विभीषिका स्मरण दिवस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए शिक्षाविद स्वतंत्रता सेनानी प्रो. भारत भूषण विद्यालंकार ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिये हमारे पूर्वजों ने बहुत लम्बा संघर्ष किया तथा अपना सब कुछ देश की आजादी के लिये लुटा दिया।

आजादी से पूर्व भारत पाकिस्तान विभाजन के समय भारतीय लोगों ने जिस पीड़ा को सहा, वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि उस दंश की पीड़ा आज भी लोगों के दिलाें में है। कैसे विभाजन के नाम पर भारतीय लोगों को हिंसा की भेंट चढ़ा दिया गया। तथा उनके साथ लूटपाट व अमानवीय व्यवहार किया गया। यह प्रदर्शनी उस समय घटित क्रूरता को दर्शाती है।

कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा की यह प्रदर्शनी देश के शहीदों को नमन कर उनके सपनों के भारत के निर्माण को पूरा करने का संकल्प ले उनको नमन करने का अवसर है सभी को इस प्रदर्शनी को देखना चाहिए। इससे हमारी देशभक्ति की भावना ओर अधिक मजबूत होती है।

इस अवसर पर कुलसचिव डा. सुनील कुमार, प्रो. राकेश शर्मा, प्रो. देवेंद्र गुप्ता, प्रो. प्रभात सैंगर, डा. दीलिप कुशवाहा, डा. हिमांशु पण्डित, डा.अजय मलिक, डा. शिवकुमार चौहान, कुलभूषण शर्मा, हेमन्त सिंह नेगी, मनोज कुमार, दीपक घोष सहित विभिन्न कर्मचारी उपस्थित रहे।