– स्पेनिश फोक के स्पेनिश कलाकार ने दिया मैत्री का पेगाम
– ’’हृदय दृश्यम’’ वृहद संगीत उत्सव कार्यक्रम बटेश्वरा में सम्पन्न
मुरैना, 15 मार्च (हि.स.) । बटेश्वरा के शिव मंदिरों पर शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुती ने समां बांध दिया। वहीं स्पेनिश कलाकार ने फोक के माध्यम से मैत्री का पैगाम दिया। दोनों कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों पर दर्शकों की वाह-वाही लूटी। यह संगीत निशा सोमवार रात देर तक चलती रही। इसका शुभारंभ मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोशन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव, एसडीएम शिवलाल शाक्य, पुरातत्व विभाग के अशोक शर्मा सहित मुरैना-ग्वालियर के संगीत श्रोता उपस्थित थे। यहां पर फाईनआर्ट महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बटेश्वरा मंदिरों की श्रृखला, उनकी उत्पत्ति, सुन्दरता तथा वर्तमान परिस्थिति को अपनी कूंचियों से कैनवास पर उकेर दिया। इन पेंटिंगस को देखकर कार्यक्रम प्रस्तुत करने आये कलाकारों ने मुक्त कंठ से सराहना की।
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से मुरैना जिले की पावन स्थली बटेश्वरा पर दो दिवसीय हृदय दृश्यम वृहद संगीत उत्सव कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें स्पेनिश फोक की सुश्री अल्मुडेना लोंगर्स ने फोक के साज से प्रदेश को मैत्री का पेगाम दिया। वहीं सरोद पर अमान अली का साथ तबले पर ओजस ने दिया। सर्वप्रथम अमान अली बंगस ने रागश्री, सरस्वती वंदना, हंसध्वनी, बागेश्वरी, रागदेश धुन की मनोहारी प्रस्तुति प्रस्तुत की। इस भव्य कार्यक्रम में वैश्विक संगीत की मास्टर सुश्री अल्मुडेना लोंगर्स ने स्पेनिश फोक का शास्त्रीय प्यानो बजाकर बटेश्वरा के 108 शिव मंदिरों में झंकार पैदा कर दी। इधर शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात सह वादक उस्ताद हाफिज अली खां के परिजन अमान अली बंगस ने सरोद वादन कर भारतीय कला संस्कृति की शानदार छटा बिखेरी। बटेश्वरा के शिव मंदिरों पर आयोजित इस संगीत निशा में आये श्रोताओं ने आयोजन की सराहना करते हुये इन शिवमंदिरों की श्रंृखला को अद्भुत अकल्पनीय बताया। बटेश्वरा शिवमंदिरों का दर्शन कर रहे कर्नल अरिंदम मजूमदार ने देश के इतिहास में ऐसी श्रृंखला बटेश्वरा में ही होना बताया। वहीं विवेक जैन ने विश्व में इस तरह के मंदिर आंशिक रूप से कंबोडिया में होना बताया। इसी तरह भगवान शिव की प्रेरणा से हो रही संगीतनिशा में शामिल होना बताते हुये श्रीमती बिंदुवाला पंद्रे ने कहा कि इन मंदिरों का प्रचार-प्रसार विश्व भर में होना चाहिए। इससे इनकी ख्याति दुनिया में हो जायेगी।
108 शिवमंदिर की धरा पर उकेरीं विरासत कलां विद्यार्थियों ने-
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की बटेश्वरा धरा पर दो दिवसीय हृदय दृश्यम कार्यक्रम संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ललितकला संस्थान और स्थानीय कलाकारों ने स्थानीय कलाकृतियां केनवास पर उकेरी, जिन्हें प्रदर्शनी के माध्यम से देखा एवं सराहना की गई। कुल 45 पेटिंग्स में से अधिकांश मन को मोहने वाली थीं। प्रदर्शनी के माध्यम से देखने वाले लोगों ने विद्यार्थियों की सराहना की। वहीं इन विद्यार्थियों के गुरू तथा स्वयं विद्यार्थियों ने भगवान के प्रति श्रद्धा व भाव के माध्यम से पेटिंग्स का निर्माण करना बताया। देर रात तक इस प्रदर्शनी का अवलोकन गायक कलाकारों के साथ जन-प्रतिनिधि पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किया।
चमक उठे बटेश्वरा के शिवमंदिर
मुरैना से 30 किलोमीटर दूर स्थित बटेश्वरा के शिवमंदिर समूह उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला शैली के है। मंदिरों में ज्यादातर छोटे है और 25 एकड़ में फैले है। ये मंदिर शिव, विष्णु और शक्ति को समर्पित है। बटेश्वरा मंदिर 6वीं एवं 8वीं शताब्दी के बीच बनाये गये थे। इस स्थान का नाम संभवत: इस मंदिर प्रागंण के सबसे बड़े मंदिर भूतेश्वर मंदिर के नाम पर है, तथा इसे बटेश्वरा, बटेसर और बटेसरा के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटन विभाग के वार्षिक संगीत समारोह के दौरान मंदिरों पर रोशनी से ये मंदिर रात में चमकर दर्शनार्थियों को आकर्षित कर रहे थे।
हम भारतीय संगीत हमारा धर्म, बटेश्वरा के मंदिर हमारा खजाना – अमान अली
बटेश्वरा के मंदिर हमारा खजाना है। इन मंदिरों को सरकार बढ़ावा दे तो विश्व में भारत की गरिमा बढ़ जायेगी। आज अद्भुत मंदिरों के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। प्रख्यात सरोद बादक अमान अली बंगस तथा तबला बादक ओजस ने कहा कि हम भगवान शंकर जी के हुकुम से यहां आये हैं यहां से कुछ लेकर ही जायेंगे। मुसलमान होने के बावजूद भी लगातार हिन्दू मंदिरों पर संगीतनिशा आयोजनों में भाग ले रहे सरोद बादक अमान अली तथा तबला बादक ओजस ने बताया कि हम भारतीय है संगीत हमारा धर्म है। अदृश्य ताकतें अनेक हैं, लेकिन उनका दरवाजा एक ही है।
शास्त्रीय संगीत के भविष्य को सुनहरा बताते हुये उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आ रही नई पीढ़ी धैर्य के साथ लम्बे रास्ते को रियाज व तालीम सहित दर्शकों का मिजाज देखकर आगे बढ़ेगी तब सफलता उनके कदम चूमेगी। तबला बादक औजस ने कहा देश के महानगरों में शास्त्रीय संगीत बढ़ रहा है। मुरैना के इन मंदिरों का प्रचार-प्रसार बड़ी-बड़ी रेलगाडिय़ों में होना चाहिए यह सरकार को हमारा सुझाव है।