– केला गुरु के नाम से भी सम्मानित किए जा चुके हैं किसान राधेश्याम
– परम्परागत खेती छोड़ वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर बढ़ी आय
मीरजापुर, 04 मार्च (हि.स.)। केला, स्ट्राबेरी व ड्रेगन फ्रूट की खेती में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसान राधेश्याम सिंह पटेल को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पुरस्कृत कर सम्मानित किया। राज्यपाल ने प्रदेश भर के 11 किसानों को सम्मानित किया। हालांकि राज्यपाल पहले ही मीरजापुर को ड्रैगन फ्रूट हब घोषित कर चुकी हैं। किसान राधेश्याम को मीरजापुर में केला गुरु के नाम से भी सम्मानित किया गया है।
राजगढ़ ब्लाक के पटेल नगर गांव निवासी राधेश्याम सिंह पटेल किसान इंटर कालेज राजगढ़ में अध्यापक थे। 2017 में अध्यापक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद एकदम खाली हो गए। खाली समय में खेती कर गुजारने को सोचा। खेती के लिए दो हेक्टेयर भूमि भी उनके पास थी। फिर क्या धान, गेहूं, आलू की खेती करने लगे। इससे लागत की अपेक्षा आय बहुत ही कम हुई तो राजगढ़ में उद्यान विभाग में आयोजित कृषक प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर केला टिश्यू कल्चर की खेती के बारे में जानकारी ली। प्रयोग के तौर पर केला की खेती करने का विचार आया। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम से सम्पर्क कर उनके मार्गदर्शन में 2017 में सर्वप्रथम 2.5 बीघा केला की खेती प्रारम्भ की। 14 से 15 माह बाद केला तैयार हो गया। एक कादी वजन 40 से 50 किलोग्राम था। चूंकि जनपद में प्रथम बार टिश्यू कल्चर केले की खेती की गई थी। इस कारण लोकल बाजार में ही अच्छे दामों पर केला बिक गया। इससे किसान राधेश्याम को कुल पांच लाख रुपये की आय हुई।
नवीन खेती व उसके आय से प्रभावित होकर आसपास गांव के किसानों ने भी केला की खेती करने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद पटेल नगर गांव के के साथ आसपास के गांव में कुल 50 हेक्टेयर में केले की खेती की जाने लगी। वर्तमान में जनपद में कुल 250 हेक्टेयर में केले की खेती की जा रही है। किसान राधेश्याम ने बताया कि जिला उद्यान अधिकारी के साथ मुझसे भी किसान केला खेती सम्बंधित समस्याओं का निराकरण करा सकते हैं। किसान राधेश्याम को केला गुरु के नाम से भी सम्मानित किया गया है।
किसान राधेश्याम जनपद में सर्वप्रथम ड्रैगन फ्रूट की खेती प्रारम्भ किए थे। यह देख अन्य किसान भी तेजी से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने लगे। इसके फलस्वरूप मीरजापुर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तीन मार्च 2021 को ड्रैगन फ्रूट हब घोषित किया था। किसान राधेश्याम अन्य किसानों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दे रहे हैं। परम्परागत खेती छोड़कर नवीन वैज्ञानिक विधि से खेती करने के कारण किसानों की आय में वृद्धि हुई है।