CM धामी ने की इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन राशि की घोषणा

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देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है।

गुरुवार को हिमालय दिवस पर आयोजित वेबिनार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। कार्यक्रम में हिमालय यूनाइटेड मिशन (हम) की पुस्तक ‘हिमालय दिवस’ का विमोचन किया गया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए जनसामान्य में जागरूकता जरूरी है। इस संबंध में हिमालयी राज्यों के साथ सम्मेलन पर भी विचार किया जा रहा है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निजी इलेक्ट्रिक दुपहिया और चार पहिया वाहनों की खरीद पर पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोत्साहन राशि निजी प्रयोग में लाए जाने वाले प्रथम 5 हजार दुपहिया और प्रथम एक हजार चार पहिया वाहनों के लिए अनुमन्य होगी। प्रोत्साहन की धनराशि दुपहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 10 प्रतिशत अथवा 7500 जो भी कम हो और चार पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 5 प्रतिशत अथवा 50 हजार जो भी कम हो, होगा। प्रोत्साहन की धनराशि बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक व वित्तीय संस्थाओं या डीलर को उपलब्ध करायी जायेगी।

इसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए स्थापित चार्जिंग स्टेशन के विद्युत अधिभार को दो वर्षों तक के लिए घरेलू श्रेणी में रखा जाएगा। यह स्थापित होने वाले प्रथम 250 चार्जिंग स्टेशन के लिए अनुमन्य होगा। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए समस्त व्यक्ति,संस्था अनुमन्य होंगे, जिनके पास पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा और स्थानीय नगर निकाय की अनुमति प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में ‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’ प्रारम्भ करने जा रही है।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालय भारत का प्रहरी है। यहां बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं। हिमालय दिवस को बड़े स्तर पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों में हिमालय संरक्षण संबंधी अध्याय होना चाहिए।

पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ.अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है। आज देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर हिमालय दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पारिस्थितिकी और आर्थिकी को जोड़ते हुए उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्लान बनाया जाना चाहिए।

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर पर्यावरण योजना बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। नदियों और जलस्रोतों के संरक्षण पर भी काफी काम किया गया है।