गाजियाबाद। मुरादनगर शमशानघाट हादसे की आरोपी व तत्कालीन ईओ निहारिका चौहान को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है। इससे पहले गाजियाबाद कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष जमानत याचिका दाखिल की थी। 3 जनवरी 2021 को मुरादनगर श्मशान घाट में नए बने गलियारे की छत गिर गई थी। जब दीपक नाम का युवक अपने पिता जयराम का अंतिम संस्कार करने रिश्तेदारों और परिजनों के साथ पहुंचा था।
इस हादसे में 3 जनवरी को 20 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद जयराम के बेटे दीपक ने निहारिका सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चार जनवरी से वह जेल में बंद थीं। निहारिका सिंह के वकील ने कहा कि उन्होंने सिर्फ भुगतान किया था। तकनीकी जांच अधिशासी अभियंता, एई और जेई ने की थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही उन्होंने कार्रवाई की थी। ई-टेंडर उन्होंने नहीं बल्कि चेयरमैन ने पास किया था।
उन्होंने कहा कि ईओ निहारिका सिंह की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है। सुबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी, किसी गवाह को धमकी नहीं देगी। सुनवाई की हर तारीख पर कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहना होगा। जमानत की शर्तों उल्लंघन किया तो जमानत निरस्त कर कार्रवाई की जाएगी।