देहरादून। आइएमए ब्लड बैंक में रविवार को प्लाज्मा थेरेपी और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की नई तकनीक पर मंथन हुआ। मौका था आइएमए ब्लड बैंक ऑफ उत्तराखंड के 12वें वार्षकि सम्मेलन ‘रक्त प्रवाह’ का। इसमें विशेषज्ञों ने ‘ब्लड ट्रांसफ्यूजन इन क्लीनिकल प्रैक्टिस’ विषय पर विचार रखे।
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने किया। उन्होंने आइएमए ब्लड बैंक को मानवीय कार्यो के लिए बधाई दी। साथ ही ब्लड बैंक की ई-स्मारिका का विमोचन किया। आइएमए उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। ब्लड बैंक के निदेशक (तकनीकी एवं संचालन) डॉ. संजय उप्रेती ने ब्लड बैंक की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
आइएमए ब्लड बैंक सोसायटी ऑफ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डॉ. अजय खन्ना ने कोरोनाकाल में ब्लड बैंक के कर्मचारियों के कार्यो की सराहना की। तकनीकी सत्र में मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में पैथोलॉजी एवं ब्लड बैंक के निदेशक डॉ. असीम कुमार तिवारी ने प्लाज्मा थेरेपी की जानकारी दी। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के प्रतिरक्षा विज्ञान एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनीष रतूड़ी ने बाल चिकित्सा में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बारे में बताया।
एम्स ऋषिकेश के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक के सहायक प्रोफेसर डॉ. आशीष जैन ने प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की जानकारी दी। दून मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी एवं ब्लड बैंक विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. नितेश गुप्ता ने भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर विचार व्यक्त किए। डॉ. संजय उप्रेती ने आइएमए ब्लड बैंक में नैट के अनुभव के बारे में बताया।
आइएमए ब्लड बैंक सोसायटी ऑफ उत्तराखंड के सचिव डॉ. डीडी चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर रजनीश गोयल, एसके गुप्ता, डॉ. बीएस जज, डॉ. एसएल गुप्ता, डॉ. एस एस असवाल उपस्थित रहे।