एक ऑनलाइन सर्वे के अनुसार, गंजे लोग समाज में बहुत ज्यादा भेदभाव का शिकार होते हैं

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हाल-फिलहाल ही बॉलीवुड की एक मूवी आई थी ‘बाला’, जिसमें बाला की शादी सिर्फ इसलिए टूट जाती है क्योंकि वो गंजा होता है। मूवीज़ ज्यादातर आम जिंदगी में घटने वाली घटनाओं पर आधारित होती हैं। इसका मतलब कहीं न कहीं ये समस्या आज भी बनी हुई है। लोग गंजे व्यक्ति को एक अलग ही नजरिए से देखते हैं। इसे समझने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अमेरिका में 2 हजार से ज्यादा लोगों पर ऑनलाइन सर्वे किया और पाया कि समाज गंजे व्यक्ति को संक्रमित, बदसूरत, गंदा और नासमझ मानता है। यहां तक कि हर 6 में से एक व्यक्ति गंजेपन के शिकार व्यक्ति से बात करने में भी झिझकता है। सर्वे के आंकड़े बताते हैं, 6.2 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जो गंजे इंसान को जॉब देने में भी हिचकिचाहट महसूस करते हैं।क्या है गंजेपन की वजह?

गंजापन एक बीमारी है, जिसे साइंस की लैंग्वेज में एलोपेशिया कहते हैं।

यह एक ऑटो इम्यून डिजीज़ है। जिसमें बॉडी को बीमारियों से बचाने वाला इम्यून सिस्टम ही हेयर फॉलिकल्स पर अटैक करने लगता है। इससे बाल तेजी से झड़ने लगते हैं और इंसान धीरे-धीरे गंजा होने लगता है।

खास बात ये है कि एलोपेशिया का अब तक कोई सटीक इलाज नहीं खोजा जा सका है।

इसके पीछे हो सकती हैं कई वजहें

एक्सपर्ट बताते हैं, गंजेपन की कोई एक या दो नहीं बल्कि कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें फैमिली हिस्ट्री से लेकर हार्मोन में बदलाव, पोषक तत्वों की कमी, तनाव में रहना जैसी वजहें शामिल हैं।

इसके अलावा बहुत ज्यादा स्टाइलिंग, केमिकल वाले हेयर प्रोडक्ट्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करना, बार-बार शैंपू और ऑयल बदलना और हेयर ऑयल न लगाने को भी गंजेपन की वजह बताया गया है।

सर्वे में लोगों की ये कहा

30% लोगों ने कहा, गंजे व्यक्ति बीमार हो सकते हैं।

27% लोगों का मानना था कि गंजे लोग बदसूरत होते हैं।

10% लोगों को डर था कि वह भी इनके साथ रहने से संक्रमित हो सकते हैं।

4% लोग इन्हें नासमझ और अन्य 4% इनको गंदा समझते हैं।

गंजा होना संक्रमित नहीं है

ब्रिटेन की साइकोलॉजिस्ट डॉ. कैरी मॉन्टगोमेरी कहती हैं, एलोपेशिया के मरीजों से हम कई बार यह सुन चुके हैं कि लोग उनसे कितना भेदभाव करते हैं।

उनके मुताबिक, कई लोग उन्हें घूरकर देखते हैं, उनसे सवाल करते हैं और उन्हें परेशान करने वाले कमेंट भी करते हैं।

डॉ. कैरी कहती हैं, ऐसे लोग बाहर निकलने और समाज में घुलने-मिलने से बचते हैं।

सर्व बताता है कि गंजे लोग किस तरह के भेदभाव से जूझते है। लोगों में एक भ्रम है कि गंजे लोग संक्रमित बीमारी से जूझ रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह से गलत है।