यूं ही कोई नहीं बन जाता है संजीव शर्मा

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गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा बेहद संतुलित और जिम्मेदारी के साथ अपने कार्य के निर्वहन के लिए जाने जाते हैं। हालांकि कभी-कभी छोटे-मोटे विवाद हो जाते हैं जिनके निपटारे के लिए वे हमेशा सजग और सतर्क नजर आते हैं। बड़ी बात यह है कि महानगर अध्यक्ष होने के साथ वह एक बेहद समर्पित और कर्मठ भाजपा के कार्यकर्ता भी हैं, जो कि पार्टी के हित को सर्वोपरि रखते हुए अपने निर्णय को इस तरह से लागू करते हैं कि सबका साथ सबका विकास भी हो सके, साथ ही पार्टी की गरिमा एवं अनुशासन भी बना रह सके।

इस संबंध में भारत का महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान का कहना है कि संजीव शर्मा महानगर अध्यक्ष होने से पहले उनके दोस्त हैं लेकिन जब पार्टी और जनता के हित के साथ अनुशासन की बात आती है तो वह किसी की नहीं सुनते। वे निर्णय लेने के लिए सर्वप्रथम एक बात को तवज्जो देते हैं कि सही क्या है। वही इस संबंध में भाजपा उपाध्यक्ष और रनिता सिंह कहती हैं कि महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा एक भाई की तरह उनके साथ हमेशा रहते हैं लेकिन जब पार्टी और जनता के हित की बात आती है तब वे शुद्ध रूप से एक महानगर अध्यक्ष हो जाते हैं। जहां वे बेहद संजीदा होकर फैसला करते हैं कि जनता और पार्टी के हित में क्या सही है।

इसके लिए वे आउट ऑफ द वे जाकर भी काम करते हैं। 24 घंटे में वे जनता और पार्टी के लिए लगभग 20 घंटे उपलब्ध रहते हैं। यही विलक्षण प्रतिभा उन्हें अन्य महानगर अध्यक्षों से अलग और एक महत्वपूर्ण स्थान देती है। भाजपा महामंत्री गोपाल अग्रवाल का कहना है कि जिस तरह से संजीव शर्मा ने महानगर अध्यक्ष पद की गरिमा का निर्वहन किया है। ऐसा पहले देखने को कम ही मिला है। वही संबंध में महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है कि वह मानते हैं कि जितनी अधिक शक्ति आपको मिलती है उतनी ही बड़ी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी आपको करना पड़ता है। महानगर अध्यक्ष होने के नाते जहां उनके पास काफी शक्तियां हैं वही जनता की सेवा राष्ट्रहित और गाजियाबाद का विकास एक बड़ी चुनौती भी है।

जिसके लिए वह अपनी पूरी टीम के साथ लगातार सतत प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि महानगर टीम में सभी पदाधिकारी बेहद अनुशासित और कर्मठ है। एक अच्छी टीम के चलते अपना काम बहुत सुगमता के साथ कर रहे हैं। वही इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाता है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल भी ना होता हो ताकि अनुशासित रहते हुए पार्टी देश सेवा एवं जन सेवा के कार्य पूर्ण रूप से किए जा सके। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि महानगर अध्यक्ष के तौर पर संजीव शर्मा का कार्यकाल बेहद सटीक और अनुशासन प्रिय रहा है वहीं पार्टी के विभिन्न कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी को और अधिक मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं।