सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए किए बड़े ऐलान, इनकम टैक्स में भी मिल सकती है राहत

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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में हेल्थ और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। उन्होंने कहा कि यह बजट छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस हो चुका है। वित्त मंत्री एक टैब के जरिए अपना तीसरा बजट पेश कर रही हैं। यह केंद्रीय बजट (Union Budget 2021-22) काफी अधिक अहम है क्योंकि वित्त मंत्री कोरोना संकट के बीच यह बजट पेश कर रही हैं। 

India Budget 2021 LIVE News: बजट से जुड़ी खास बातें इस प्रकार हैः 

  • निर्मला सीतारमण ने कहा कि गेल (इंडिया) लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) और HPCL के पाइपलाइनों का मुद्रीकरण किया जाएगा। 
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत एक लाख करोड़ रुपये मूल्य की 217 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। उन्होने कहा कि सरकार का लक्ष्य इस साल 11,000 किलोमीटर की हाईवे परियोजनाओं को पूरा करना है। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाने का प्रस्ताव है। 
  • सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि अगले तीन वर्षों में सात टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना की जाएगी। 
  • निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्राइमरी, सेकेंडरी और टेरटियरी हेल्थकेयर के लिए पहले से मौजूद योजनाओं के अलावा एक नई केंद्रीय पोषित स्कीम ‘Aatmanirbhar Health Yojana’ शुरू की जाएगी। इसके लिए 64,180 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021-22 छह स्तंभों पर आधारित है। इनमें हेल्थ एंड वेलबिइंग (Health & wellbeing), वित्तीय पूंजी (Financial capital), समावेशी विकास (Inclusive growth), मानव पूंजी (Human capital), इनोवेशन एंड आरएंडडी (Innovation & R&D) और मिनिमम इंटरवेंशन्स (Minimum interventions) शामिल हैं। 
  • भारत में कोविड-19 के दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। आने वाले समय में हम और वैक्सीन की उम्मीद कर सकते हैं। भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हैं, जहां कोरोना की वजह से मृत्युदर बहुत कम है। सरकार ‘इकोनॉमिक रिसेट’ के लिए पूरी तरह तैयार हैः सीतारमण
  • हमने पिछले बजट के समय ग्लोबल स्लोडाउन की कल्पना भी नहीं की थी। मई 2020 में हमने रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज की घोषणा की थी। आत्मनिर्भर भारत पैकेज और प्रधानमंत्री योजना अपने आप में 3-4 मिनी बजट के बराबर थे। कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार ने देश की जीडीपी के 13 फीसद के बराबर का सपोर्ट किया।
  • सरकार ने 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया। मई 2020 में सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया। 
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व परिस्थितियों में इस बजट का निर्माण हुआ है।
  • केंद्रीय कैबिनेट ने बजट 2021-22 को अपनी मंजूरी दे दी है।
  • संसद पहुंचने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और वित्त वर्ष 2021-22 की बजट को लेकर उन्हें ब्रीफ किया।
  • समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक टैब पर पढ़ेंगी वित्त वर्ष 2021-22 का बजट।
  • Union Budget 2021 को लेकर शेयर बाजारों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। सुबह 09:28 बजे BSE Sensex 410.74 अंक यानी 0.89% के उछाल के साथ 46,696.51 अंक के स्तर पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, सुबह 09:30 बजे NSE Nifty 103.90 अंक यानी 0.76 फीसद की तेजी के साथ 13,738.50 अंक के स्तर पर ट्रेंड कर रहा था।
  • कोविड-19 की वजह से इस बार बजट पेपरलेस हो सकता है। यह पूरी तरह से सॉफ्ट कॉपी यानी डिजिटल कॉपी के रूप में उपलब्ध होगा। 
  • नॉर्थ ब्लॉक से लाल रंग के इनवेलप में बजट 2021-22 को लेकर नॉर्थ ब्लॉक से निकलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी पूरी टीम। इस इनवेलप में एक टैब है, जिसके जरिए वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी।
  • वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह बजट लोगों के उम्मीदों के अनुरूप होगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम करने वाली सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के ऐलान, देश को महामारी से बचाकर और इकोनॉमी को धीरे-धीरे पटरी पर लाकर भारत को नई दिशा दी है।
  • क्रीम और लाल रंग की साड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने दफ्तर पहुंचीं। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर नॉर्थ ब्लॉक पहुंचें।
  • यह बजट काफी अहम है क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की इकोनॉमी में 23.9 फीसद का अभूतपूर्व संकुचन (Contraction) देखने को मिली थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (-) 7.5 फीसद पर रही थी।
  • आम बजट 2021-22 से नए साल और नए दशक की दिशा तय होगी। वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसद की दर से जीडीपी वृद्धि की उम्मीद जतायी गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार की अगुवाई में तैयार आर्थिक समीक्षा में भी इसी दर से आर्थिक वृद्धि का अनुमान जाहिर किया गया है। 
  • वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किए जाने से पूर्व अपने आवास पर पूजा-अर्चना की।
  • विश्लेषक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के डिमांड को बूस्ट करने के लिए सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। इस बजट में होम लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट पर मिलने वाली टैक्स छूट के लिए अलग प्रावधान किए जाने की उम्मीद है।
  • इस केंद्रीय बजट में सरकार की निगाह विनिवेश के जरिए ज्यादा संपत्ति के सृजन पर लगी होगी।
  • इस साल स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केंद्रीय बजट का दस्तावेजों पर प्रकाशन नहीं होगा। सरकार ने कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। 
  • इससे पहले सीतारमण ने बही-खाते के जरिए लेदर ब्रीफकेस में बजट दस्तावेज लाने की वर्षों पुरानी परंपरा को तोड़ा था। इसके स्थान पर उन्होंने पारंपरिक बही-खाता का इस्तेमाल किया था। 

वित्त मंत्री को जानिए:

  • नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था।
  • नारायणन सीतारमण और सावित्री के परिवार में 18 अगस्त, 1959 को हुआ था निर्मला सीतारमण का जन्म। तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था निर्मला सीतारमण का जन्म।
  • निर्मला सीतारमण ने 12 सितंबर, 1986 को पी प्रभाकर से की शादी।
  • मौजूदा वित्त मंत्री ने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज और नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से की है पढ़ाई।

यहां देख सकते हैं वित्त मंत्री का बजट भाषण लाइवः 

विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह बजट इकोनॉमी के दोबारा तेज वृद्धि हासिल करने के लिहाज से सबसे अहम होगा। उल्लेखनीय है कि देश की इकोनॉमी को कोरोना महामारी और उसे फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से काफी अधिक नुकसान हुआ है। ऐसे में भारत को निर्धारित समय के भीतर पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की दरकार होगी।