ऑपरेशन निहत्था के दौरान एक सप्ताह में 127 लाइसेंसी शस्त्रों के निरस्तीकरण की रिपोर्ट डीएम को भेजी

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– अभियान को और अधिक सफल बनाने के लिए एसएसपी ने थानाध्यक्षों को दिए कड़े निर्देश

गाजियाबाद :- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन निहत्था के दौरान पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर 127 लाइसेंसी शस्त्रों के निरस्तीकरण की रिपोर्ट डीएम को भेजी है। इनमें वह शस्त्र धारक है, जिनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है या फिर उनके किसी सगे संबंधित पर किसी मामले में रिपोर्ट दर्ज है।

एसएसपी ने सभी अधीनस्थों को निम्न बिंदुओं की समीक्षा करते हुए असलहा धारकों के लाइसेंसों एवं क्रय किए गए तथा चलाए गए कारतूसों का मानक के अनुसार संख्या में गहनता से अवलोकन परीक्षण करने के लिए तथा शस्त्र लाइसेंसों के संबंध में गहन जानकारी कर नियमानुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं।

यदि शस्त्र धारक का शस्त्र थाने के माल खाने में जमा है और किसी मुकदमे से संबंधित है तो इस प्रकार के शस्त्र धारकों के शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए। सर्वप्रथम सत्यापन के दौरान यह देखा जाए कि शस्त्र लाइसेंस धारक अपने शस्त्र का रखरखाव स्वयं कर रहा है और शस्त्र उसी के पास हैं। यदि शस्त्र धारक का शस्त्र सत्यापन के दौरान धारक के पास नहीं पाया जाता है और अन्य व्यक्ति के पास रखा जाना या भेजा जाना पाया जाता है तो कारवाई की जाए।कुछ शस्त्र धारकों द्वारा शस्त्र लाइसेंस घर पर है और उसकी नवीनीकृत वैधता की दिनांक के उपरांत भी नवीनीकरण नहीं कराया गया है ऐसे शस्त्र धारकों के शस्त्र लाइसेंस अनाधिकृत रूप से रखे हुए माने जाएंगे। शस्त्र लाइसेंस धारक द्वारा अपने शस्त्र को दुकान पर काफी समय से जमा कर रखा है और जमा करने का कोई उचित कारण नहीं है तो शस्त्र धारक से स्पष्टीकरण मांग कर कारवाई की जाए। शस्त्र लाइसेंस धारक अपने शस्त्रों को किसी अन्य व्यक्ति को प्रयोग के लिए दिया जाना या अन्य स्थान पर रखा जाना और शस्त्र धारक द्वारा शस्त्र लाइसेंसों की शर्तों का उल्लंघन किया जाना पाया जाता है तो विभागीय कार्रवाई की जाए।

शस्त्र लाइसेंस धारक द्वारा वर्ष में शस्त्र लाइसेंस पर कितने कारतूस क्रय किए गए हैं और कितने कारतूस सत्यापन के दौरान उसके पास उपलब्ध हैं। मानक के अनुसार संख्या में चलाए गए कारतूस के खोखे तथा चलाए जाने का कारण धारक के पास है या नहीं। इसके अलावा कार्रवाई के साथ-साथ यह भी देख लिया जाए कि यदि शस्त्र धारक को शस्त्र हटने से जीवन भय की संभावना हो तो इस बिंदु पर विचार अवश्य किया जाए।गौरतलब है कि सोशल मीडिया आदि पर भी अवैध तरीके से अवैध असलहा, लाइसेंसी असलहे लहराने वालों के विरुद्ध भी अनेकों मुकदमें एक माह के अंदर आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दर्ज किए जा चुके हैं और तकरीबन 100 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं एक जनवरी से अब तक 755 लोगों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है।