सुल्तानपुर : ऐसा आस्था का केन्द्र, जहां हर किसी की मनोकामना होती है पूरी

Share
  • आंधी हो या तूफान पिछले बारह साल से नहीं छूटा कोई दिन, किया हर दिन भोलेनाथ के दर्शन

सुल्तानपुर :- भक्ति और आस्था का केंद्र महेश नाथ धाम पर सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन परिक्रमा करने आते हैं। विशेष रुप से शनिवार को भोलेनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस शिवलिंग की मान्यता है कि बरगद पेड़ के नीचे कब से शिवलिंग है, इसका प्रमाण नहीं है। यह ऐसा आस्था का केन्द्र है, जहां पर हर किसी की मनोकामना पूर्ण होती है। 

जिला मुख्यालय से सुल्तानपुर रायबरेली मार्ग पर 15 किलोमीटर दूर धम्मौर के निकट महेश नाथ धाम स्थित है। इस धाम परिसर में एक सुंदर आकर्षण शिव मंदिर है, छोटे से घने जंगल के बीच में बरगद का पेड़ है। उनकी टहनियां लटकती हुई जमीन में पहुंच चुकी हैं। मंदिर एवं आसपास रखी मूर्तियों से ऐसा लगता है कि हजारों साल पहले की मूर्तियां है। सावन महीने की शुरुआत होते ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। गांव ही नहीं शहर के लोगों की बाबा महेश नाथ के दर्शन करने के लिए लोग पहुंचते हैं।

पहुँचे हुए संत थे त्यागी बाबा

मान्यता है कि एक छोटे से बाग में झाड़ झंकार एवं बरगद का पेड़ था, वहीं पर शिवलिंग सहित अन्य भगवान की मूर्तियां मौजूद थी, लोग दिन में भी वहां जाने पर डरते थे। अमेठी जिले के कूड़धाम पर त्यागी बाबा रहते थे। उनकी त्याग तपस्या से धाम आस्था का केंद्र बनता चला गया। बाबा की लगोटी सूखने के लिए रस्सी पर दिखाई देती थी, परंतु बाबा कब स्नान करते थे यह किसी को पता नहीं चल पाता था।

त्यागी बाबा ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए यही पर अपनी कुटिया जमा ली। धीरे-धीरे बाबा की ख्याति के साथ मंदिर पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। क्षेत्र के आसपास के सैकड़ों लोग प्रतिदिन बाबा महेशनाथ धाम की परिक्रमा करने आते हैं।

-बारह साल से हर दिन किया भोलेनाथ का दर्शन

पिछले 12 साल से महेश नाथ धाम की प्रतिदिन परिक्रमा करने वाली शिव भक्त अमरनाथ शुक्ला पेशे से अध्यापक है। अमेठी जिले के मड़ेरिका गांव निवासी श्री शुक्ला बताते हैं कि बाबा महेश नाथ धाम में न जाने कौन सी शक्ति है कि 12 साल से लगातार मैं दर्शन करने हर परिस्थिति में पहुंच जाता हूं चाहे आंधी हो या तूफान हर बाधाओं को पार करते हुए पहुंच जाता हूँ। जब कभी जिले से बाहर लखनऊ, प्रयागराज, बनारस आदि जाना होता है तो सुबह चार बजे ही दर्शन कर लेता हूं या वापस आने के बाद देर रात,चाहे दस बजे जाए परंतु बिना दर्शन किए अपने आप को चैन नहीं मिलता है। ऐसा महसूस होता है कि अभी कुछ अधूरा रह गया है।

धम्मौर बाजार निवासी लालजी साहू ने बताया कि महेश नाथ धाम में बहुत बड़ी शक्ति है। दूर-दूर से लोग भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। सावन महीने की शुरुआत होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। क्षेत्र के लोगों की आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है।