उप्र में करीब 40 दिन बाद टूटा सड़कों का सन्नाटा, शराब की दुकानों पर सुबह से ही लगीं लंबी कतारें
लखनऊ :- कोरोना से बचाव के लिए देश भर में जारी संपूर्ण लाॅकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से प्रारम्भ हो गया। इस चरण में सरकार ने कुछ रियायतों की घोषणा की है। इसका नतीजा यह हुआ कि करीब 40 दिन बाद आज उत्तर प्रदेश की सड़कों और गलियों का सन्नाटा टूट गया है। बाजारों में चहल-पहल है। शराब की दुकानों पर तो सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश शासन के आबकारी आयुक्त के निर्देश आते ही मदिरालय भी सोमवार दोपहर बाद से रोशन हो गए। पिछले 42 दिनों से शराब की चाह रखने वाले अपनी तलब दबाए बैठे थे।
आज सुबह होते ही राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़ एवं बरेली समेत प्रदेश के अधिकतर नगरों के हालत बदले-बदले नजर आने लगे। संपूर्ण लाॅकडाउन के कारण पिछले लगभग 40 दिनों से बंद तमाम दुकानों के सटर आज उठे दिखे। सबसे अधिक भीड़ शराब की दुकानों के बाहर दिख रही थी। सरकारी और कुछ प्राइवेट कार्यालय भी आज खुले। हालांकि सरकार के गाइडलाइन के अनुसार हर जगह शारीरिक दूरी का प्रोटोकाल प्रभावी रहा।
सोमवार को दोपहर 2 बजे शराब की दुकानें खुलने की सूचना मिलते ही नशे के शौकीन लोगों का जमावड़ा ‘डम-डम डिगा-डिगा’ गीत के बोल की तर्ज पर लगना शुरू हो गया। देखते ही देखते लंबी-लंबी कतारें अंग्रेजी शराब की दुकानों पर लगने लगी। कईयों के चेहरे पर अपार खुशियां देखी गई। तो वही शहर की कुछ दुकानों पर “बिन पिए मैं तो गिरा” वाली हालत को देखकर पुलिसकर्मी डंडा फटकार कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते देखे जा रहे थे।
हालांकि लॉक डाउन 3 शुरू होने से पहले कई जिलाधिकारीयों ने किसी भी तरह की रियायत देने पर सहमति नहीं जताई थी। उन्होंने साफ तौर पर सभी स्थितियां पूर्वत ही रखे जाने के निर्देश जारी किए थे। परन्तु एकाएक सोमवार की दोपहर शराब की दुकानें खुल गई।
लगी लंबी लाइनें
दुकानों के खुलते ही जहां शराब के शौकीन अपने को रोक नहीं पाए तो बहुतों को लंबी लाइनें देखकर दुकान के जल्दी बन्द होने का डर भी सता रहा था। कई दुकानों पर खरीदने वालों के बीच आपाधापी सी देखी गई। लोगों को जल्दी थी, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार हो गई।