लखनऊ :- सोशल मीडिया में गुरुवार की देर रात प्रमुख सचिव आबकारी विभाग के नाम एक पत्र वायरल हुआ। जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने शराब और बीयर के उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दी। पत्र में संभावना जताई गयी थी कि इस मामले पर समीक्षा बैठक के बाद प्रदेश में राजस्व हित को लेकर जल्द ही शराब और बीयर की दुकानें खोली जा सकती हैं।
सोशल मीडिया में वायरल पत्र के बाद बीती देर रात प्रमुख सचिव आबकारी विभाग खुद सामने आये और उन्होंने इस पत्र को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अभी उत्तर प्रदेश में शराब नहीं बनेगी। सिर्फ अल्कोहल का उत्पादन होगा, जो सैनिटाइजर बनाने में उपयोग किया जायेगा।
प्रमुख सचिव आबकारी विभाग ने यह भी कहा कि इस पत्र के बाद मीडिया में जो खबरें चली है, इसको लेकर शासनादेश की भाषा को लेकर कुछ भ्रम हुआ है। बताते चलें कि लॉकडाउन में इन दिनों बराबर किसी न किसी विभाग के फर्जी शासनादेश जारी हो रहे हैं, जिससे जनता तो भ्रमित हो ही रही है साथ ही अधिकारी भी परेशान हो रहे है और उन्हे बताना पड़ता है कि यह फर्जी है।
सोशल मीडिया में वायरल हुआ था पत्र
गुरुवार को सोशल मीडिया में एक पत्र जारी हुआ था। यह पत्र प्रमुख सचिव आबकारी विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को शराब,बीयर के फुटकर अनुज्ञापनों का संचालन सुचारु रुप से प्राराम्भ किये जाने के पूर्व आसवनियों व यवासवनियों में उत्दपादन प्रराम्भ कराये जाने के संबंध में था। इसमें कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति के तहत यह अवगत कराना है कि प्रदेश में शराब और बीयर के फुटकर अनुज्ञापों का संचालन सुचारु रुप से प्रारम्भ किये जाने के पूर्व आसवानियों व यवासनियों में उत्पादन प्रराम्भ किया जाना अति आवश्यक है।
इस संबंध में मुझे कहने को यह निर्देश हुआ है कि आबकारी आयुक्त के उक्त पत्रों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव पर सम्यक विचारोंपरांत राज्य के औद्योगिक एवं राजस्व हित में प्रदेश की आसवानियों व यवासनियों को संचालित किये जाने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की जाती है कि भारत सरकार द्वारा 15 अप्रैल को निगर्म मार्गदर्शक सिद्धांतों का अनुपाल कड़ाई से किया जाये। साथ ही यह भी लिखा है कि यह शासनादेश गृह विभाग यूपी शासन की सहमति से निर्गत किया जा रहा है।