लॉकडाउन से दिल्ली सहित इन महानगरों का प्रदूषण 50 फीसदी तक घटा, गंगा-यमुना भी हुईं साफ

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– प्रदूषण के गिरने से आसमान में पक्षियों की चहचहाहट बढ़ी

नई दिल्ली :- देश में कोरोना महामारी के मद्देनजर किये गये 21 दिवसीय लॉकडाउन के दौरान राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य महानगरों के के प्रदूषण में 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण रविवार को एक पायदान चढ़कर ‘मध्यम’ श्रेणी में आ गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10, दोनों प्रदूषक ‘मध्यम’ श्रेणी में हैं और क्रमश: 56 और 104 पर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 108, मुंडका में 131, द्वारका में 96, आईटीओ में 80 और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 92 स्थान पर है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई ‘सफर’ द्वारा जारी ऑकड़ों के मुताबिक दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों में प्रदूषण 50 प्रतिशत कम हो गया है। इसके अलावा देश के दोयाम दर्जे के शहरों का भी प्रदूषणस्तर घटा है। किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) “खराब” की श्रेणी में नहीं है। करीब 90 प्रतिशत शहरों में एक्यूआई “अच्छे” या “संतोषजनक” की श्रेणी में है। इस दौरान ध्वनि प्रदूषण में भी भारी गिरावट आई है। सड़कों पर अब आम तौर पर दिन में दूरी बनाए रखने वाले जीव-जंतु भी बाहर निकलने लगे हैं। घरों के आसपास पक्षियों की चहचहाहट बढ़ गई है। गंगा-यमुना भी साफ हो गई हैं।

सफर के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में मार्च के पहले सप्ताह की तुलना में अप्रैल के पहले सप्ताह में हवा में पीएम 10 के स्तर में 51 प्रतिशत, पीएम 2.5 के स्तर में 49 प्रतिशत और वाहनों से निकलने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। मुम्बई में पीएम 10 में 49 प्रतिशत, पीएम 2.5 में 45 प्रतिशत और नाइट्रोजन ऑक्साइड में 60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अहमदाबाद में पीएम 10 का स्तर 47 प्रतिशत, पीएम 2.5 का 57 प्रतिशत और नाइट्रोजन ऑक्साइड का 32 प्रतिशत घटा है। पुणे में पीएम 10 में 32 प्रतिशत, पीएम 2.5 में 31 प्रतिशत और नाइट्रोजन ऑक्साइड में 62 प्रतिशत की कमी आई है।